भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) गुट के किसानों ने शुक्रवार को मंझनपुर डायट मैदान में धरना प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष नरेंद्र कुमार पांडेय के नेतृत्व में किसानों ने नौ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी डॉ. अमित पाल को सौंपा। किसानों ने कहा कि वर्षों से लंबित समस्याओं का समाधान न होने से गांवों की स्थिति खराब हो रही है। किसानों की प्रमुख मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा देना, पूरे देश में एक समान पेंशन लागू करना और शिक्षा व चिकित्सा को नि:शुल्क उपलब्ध कराना शामिल है। किसानों ने कृषि लागत बढ़ने और लाभ न मिलने का हवाला देते हुए संपूर्ण कर्ज माफी की मांग की। चायल स्थित एसबीआई शाखा में ट्रेजरी चालान जमा करने की सुविधा बहाल करने की भी मांग की गई। किसानों ने बताया कि वर्तमान में ग्रामीणों को 40 किलोमीटर दूर मंझनपुर जाना पड़ता है, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है। उन्होंने जर्जर यूनानी अस्पताल के लिए नए भवन के निर्माण को भी आवश्यक बताया, क्योंकि यह अस्पताल फिलहाल एक खपरैल कमरे में चल रहा है। ग्राम बड़ा पिपरहाटा की समस्याओं को भी ज्ञापन में प्रमुखता से उठाया गया। किसानों ने बताया कि गांव की 150 बीघा जमीन तीन वर्षों से सिंचाई के अभाव में परती पड़ी है। सरकारी नलकूप के लिए जमीन चिन्हित होने के बावजूद सिंचाई विभाग ने अब तक बोरिंग नहीं कराई है। इसी गांव का 200 मीटर कच्चा मार्ग बरसात में कीचड़ से भर जाता है, जिसे इंटरलॉकिंग कर पक्का करने की मांग की गई। इसके अतिरिक्त, ग्राम सभा बिदनपुर काकोढ़ा में तीन वर्षों से लंबित गौशाला निर्माण पर भी किसानों ने नाराजगी व्यक्त की। भूमि चिन्हित न होने के कारण इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। धरना स्थल पर राम प्रकाश पाठक, धर्मेंद्र दीक्षित, राजकुमार राजपूत, मुन्ना लाल, शिवराज पासी, उर्मिला देवी, सुमन गौतम, निर्मला देवी सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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