राजधानी में घने कोहरे ने रेल और हवाई यातायात की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। विजिबिलिटी बेहद कम होने के कारण जहां तीन हवाई उड़ानों को निरस्त करना पड़ा, वहीं श्रमजीवी एक्सप्रेस समेत आठ से अधिक ट्रेनें कई-कई घंटे की देरी से लखनऊ पहुंचीं। कड़ाके की ठंड और कोहरे के दोहरे असर से यात्रियों को प्लेटफॉर्म और एयरपोर्ट पर लंबा इंतजार करना पड़ा। ट्रेनों की रफ्तार पर कोहरे की मार हालांकि शताब्दी एक्सप्रेस के संचालन में बुधवार को कुछ सुधार दिखा, लेकिन लंबी दूरी की अधिकांश ट्रेनें तय समय से काफी पीछे रहीं। मंगलवार रात नई दिल्ली से चली श्रमजीवी एक्सप्रेस राजधानी में सात घंटे देरी से पहुंची। इसी तरह नई दिल्ली-बनारस काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस, जिसे रात 9:05 बजे लखनऊ पहुंचना था, वह बुधवार सुबह 7:23 बजे पहुंची, यानी साढ़े दस घंटे से अधिक की देरी हुई। अन्य ट्रेनों में बेगमपुरा एक्सप्रेस डेढ़ घंटे, दून एक्सप्रेस तीन घंटे, चंडीगढ़-लखनऊ सुपरफास्ट साढ़े तीन घंटे, जम्मूतवी-कोलकाता एक्सप्रेस डेढ़ घंटे, लखनऊ मेल दो घंटे दस मिनट, नई दिल्ली-लखनऊ एसी एक्सप्रेस दो घंटे और गोरखधाम एक्सप्रेस साढ़े चार घंटे से ज्यादा लेट रही। चार फ्लाइट डिले, एक रद्द, एक डायवर्ट कोहरे का असर अमौसी एयरपोर्ट पर भी साफ दिखा। बुधवार को बंगलूरू जाने वाली इंडिगो की दो उड़ानें और दिल्ली जाने वाली एक उड़ान निरस्त करनी पड़ी। दिल्ली से लखनऊ आ रही एक उड़ान को खराब दृश्यता के कारण वापस दिल्ली डायवर्ट किया गया। इसके अलावा दम्माम, रियाद, दिल्ली और हैदराबाद से आने वाली कई उड़ानें घंटों देरी से पहुंचीं। वहीं लखनऊ से दम्माम और रियाद जाने वाली उड़ानें भी तय समय से काफी देर से रवाना हुईं। लगातार दूसरे दिन रेल और हवाई सेवाएं प्रभावित रहने से यात्रियों की मुश्किलें बढ़ती रहीं और कई लोगों को ठंड में घंटों इंतजार करना पड़ा।
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