बस्ती में फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय-अपर सत्र न्यायाधीश विजय कुमार कटियार की अदालत ने कोडीन युक्त सिरप की अवैध तस्करी के मामले में दो आरोपियों को दोषी ठहराया है। बलरामपुर जिले के अहमर खान उर्फ तारिक और रमजान शेख को दस-दस वर्ष के कठोर कारावास और एक-एक लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। शासकीय अधिवक्ता कुमार उत्कर्ष एवं मृत्युंजय उपाध्याय के अनुसार, यह घटना 23 मार्च की है। जीआरपी की टीम ने बस्ती रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक से इन दोनों संदिग्ध युवकों को पकड़ा था। तलाशी के दौरान अहमर खान उर्फ तारिक के पास से 300 शीशी और रमजान शेख के पास से 215 शीशी कोडीन युक्त सिरप बरामद हुई थी। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे बलरामपुर जिले के निवासी हैं। उन्होंने सिद्धार्थनगर जिले के इटवा थाना-क्षेत्र के एक व्यक्ति ‘जायसवाल’ से यह सिरप प्राप्त किया था और इसे मुंबई पहुंचाने वाले थे। जीआरपी ने मौके पर ही दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। जांच पूरी होने के बाद विवेचक ने 23 जून को अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। सुनवाई के दौरान, अदालत ने प्रस्तुत गवाहों के बयानों और साक्ष्यों पर संतोष व्यक्त किया। न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि यद्यपि दोनों की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं पाई गई, लेकिन बरामदगी की मात्रा अत्यंत गंभीर थी। न्यायालय ने जोर दिया कि कोडीन युक्त सिरप नशे के प्रसार का माध्यम बनता है और समाज में लत को बढ़ावा देता है, इसलिए ऐसी गतिविधियों पर कठोर कार्रवाई आवश्यक है। इन्हीं तथ्यों के आधार पर दोनों आरोपियों को यह सजा सुनाई गई। अर्थदंड न चुकाने पर उन्हें एक वर्ष अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अदालत के इस फैसले को नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
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