आजमगढ़ के एसपी डॉक्टर अनिल कुमार ने कोडिंन कफ सिरप के मामले में फरार चल रहे हिस्ट्रीशीटर विकेंद्र सिंह पर 25000 का इनाम घोषित किया है। इस मामले में आजमगढ़ की औषधि निरीक्षक सीमा वर्मा ने दीदारगंज थाने में 4 दिसंबर को मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपी विकेंद्र सिंह का 10 अक्टूबर 2018 को हिस्ट्रीशीट पर भी खोला गया था। आरोपी के विरुद्ध हत्या के प्रयास गैंगस्टर एक्ट आईटी एक्ट एससी एसटी एक्ट सहित 12 गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और आरोपी लगातार फरार चल रहा है। तीन लाख 88 हजार बोतल खरीदने का आरोप कोडिंन कफ सिरप के मामले में आजमगढ़ में भी मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही इस पूरे मामले की जांच में आजमगढ़ पुलिस और यूपी एसटीएफ जुटी हुई है। जिले के एसपी डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि आरोपी ने कई लाइसेंसी फॉर्म से कोडिंन कफ सिरप खरीदा। पर बेचने के बजाय उसका दुरुपयोग किया। आरोपी दीदारगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर है और 12 मुकदमे दर्ज हैं। आरोपी के लिंकेज की भी तलाश की जा रही है। जिससे जल्द से जल्द इस पूरी घटना का खुलासा हो सके। ड्रग इंस्पेक्टर की तहरीर पर दर्ज हुआ था मुकदमा जिले की ड्रग इंस्पेक्टर सीमा वर्मा की तहरीर पर दीदारगंज थाने की पुलिस ने जेठारी नर्वे निवासी बीपेंद्र सिंह पुत्र अशोक सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कोडीन कफ सिरप की खरीद बिक्री का रिकॉर्ड नहीं देने पर यह मुकदमा दर्ज कराया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर सीमा वर्मा ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि दीदारगंज थाना क्षेत्र के जेठारी नर्वे निवासी विकेंद्र सिंह की मार्टिनगंज के बनगांव में ए एस फार्मा के नाम से मेडिकल स्टोर है। उन्होंने आजमगढ़ की दो, बस्ती की तीन और जौनपुर की एक फर्म से कोडिन कफ़ सिरप की कुल 3 लाख 88 हजार बोतल खरीदी थी। 28 नवंबर को निरीक्षण के दौरान दुकान बंद मिली थी। पूछताछ के दौरान मकान मालिक ने बताया कि 1 साल पहले ही वह दुकान छोड़ चुका है। इस पर उसके घर गए। वहां भी वह नहीं मिला। कई बार फोन किया गया। लेकिन रिसीव नहीं हुआ। व्हाट्सएप नंबर और ईमेल के जरिए भी खरीद बिक्री का विवरण मांगा गया। लेकिन कोई उपलब्ध नहीं कराया गया। जीएसटी विवरण अकाउंट नहीं उपलब्ध कराया गया। ऐसे में कफ सिरप के दुरुपयोग की आशंका है।
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