जौनपुर के कलेक्ट्रेट परिसर में शुक्रवार को कोटेदार संघ के हजारों सदस्यों ने अपने कमीशन में वृद्धि की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कलेक्ट्रेट का भ्रमण करते हुए जिला पूर्ति अधिकारी को मुख्यमंत्री को संबोधित एक पत्र सौंपा और ई-पास मशीनें जमा करने की चेतावनी दी। प्रदेश अध्यक्ष राजेश तिवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के उचित दर विक्रेता (कोटेदार) खाद्यान्न और चीनी पर लाभांश बढ़ाने तथा न्यूनतम आय गारंटी दिए जाने की लगातार मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोटेदारों ने कोरोना महामारी के दौरान भी प्रधानमंत्री अन्न योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत निःशुल्क राशन वितरण किया। इस दौरान उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना ई-पास मशीन से ईमानदारी से वितरण किया, जिसकी पूरे भारत में सराहना हुई और उत्तर प्रदेश सरकार को भारत सरकार से प्रशस्ति पत्र भी मिला। कोटेदार सरकार के अन्य आदेशों जैसे आयुष्मान कार्ड, किसान फार्मर रजिस्ट्री और वोटर लिस्ट संशोधन आदि में भी सहयोग करते हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश के कोटेदारों को खाद्यान्न पर केवल 90 रुपये प्रति क्विंटल लाभांश मिलता है। इसकी तुलना में, हरियाणा में 200 रुपये प्रति क्विंटल, गोवा में 220 रुपये, केरल में 200 रुपये और दिल्ली में 200 रुपये प्रति क्विंटल लाभांश दिया जा रहा है। गुजरात में तो 20,000 रुपये की न्यूनतम आय गारंटी भी प्रदान की जाती है। कोटेदारों की मांग है कि अन्य प्रदेशों की भांति उन्हें भी लाभांश और न्यूनतम आय गारंटी प्रदान की जाए, ताकि बढ़ती महंगाई में उनके परिवारों का भरण-पोषण सुचारु रूप से हो सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो कोटेदार 28 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन और विधानसभा घेराव करने के लिए बाध्य होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन, प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार की होगी।
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