लखनऊ के मदेयगंज में साइबर जालसाजों ने एक युवक डिजीटल अरेस्ट करके ठगी कर ली। युवक अपने कैफे पर थे तभी जालसाजों ने कॉल करके खुद को जांच एजेंसी का बताया। युवक के नाम पर मिले पार्सल में ड्रग्स होने की बात कही। घबराया युवक झांसे में आ गया। जिसके बाद जांच के नाम पर रुपए ट्रांसफर करा लिए। खदरा मदेयगंज निवासी जावेद इकबार पुलिस स्टेशन के पास ग्लोब अस नाम से कैफे चलाते हैं। उन्होंने बताया कि 8 दिसंबर को शाम के समय दुकान पर मौजूद थे। तभी करीब 5.30 बजे एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सअप कॉल आई। कॉलर ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और उनके नाम से मिले पार्सल ड्रग्स होने की बात कही। फोन कटने पर गिरफ्तारी का डर दिखाया जावेद जालसाज की बात से घबरा गए और बातचीत करते हुए दुकान से बाहर निकल गए। इस जालसाज ने फोन न कट करने की हिदायत और जांच में सहयोग मांगा। जावेद उसकी बात में आकर जांच में साथ देने लगे। तभी जालसाज ने कहा कि खाते में अगर रुपए हुए तो जेल जाना पड़ेगा। जांच के दौरान कॉल कट हुआ तो पुलिस पहुंच जाएगी। इसके बाद दो घंटे तक जांच के नाम पर डिजीटल अरेस्ट रखा। इस दौरान दो बार में एक लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद और रुपए की डिमांड करने लगे। तब पीड़ित को संदेह हुआ तो जालसाजों ने फोन कट करके नंबर बंद कर लिया। पीड़ित ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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