कुशीनगर में रैन बसेरों की स्थिति का रियलिटी चेक किया। इस पड़ताल के तहत सदर नगर पालिका पड़रौना में एक रैन बसेरा पाया गया, जो स्टेशन से लगभग 200 मीटर दूर जलकल परिसर में स्थित है। यह एक स्थायी रैन बसेरा है जिसमें 50 बेड के दो हॉल हैं। प्रवेश पर एक व्यक्ति रजिस्टर लेकर आने-जाने वाले लोगों का विवरण दर्ज कर रहा था। रैन बसेरे में उपलब्ध सुविधाएं किसी होटल से कम नहीं थीं। यहां शुद्ध पेयजल के लिए आरओ सिस्टम, पानी गर्म करने के लिए थर्मस, कमरों में रूम हीटर, चारपाई, गद्दे और कंबल जैसी सभी आवश्यक वस्तुएं मौजूद थीं। ठंड में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हॉल में 100 अतिरिक्त बेड लगाए गए हैं, जिनमें भी रूम हीटर सहित सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इसके अलावा, यात्रियों को दोनों समय का भोजन उपलब्ध कराने के लिए रैन बसेरे के भीतर ही रसोई की व्यवस्था भी है। फाजिलनगर के प्रदीप मिश्रा, जो पड़रौना में खाना बनाने का काम करते हैं, ने बताया कि तीन दिन के लिए यहां आने पर उन्हें रात में ठहरने की दिक्कत थी। रैन बसेरे का पता चलने पर उन्हें मुफ्त में होटल जैसी सभी सुविधाएं मिलीं। उन्होंने जिले के अन्य नगरों में भी ऐसे रैन बसेरे बनाने का सुझाव दिया। बिहार प्रांत के जीरादेई से आए अवध बिहारी सिंह ने यहां की व्यवस्था को उत्तम बताया। उन्होंने कहा कि कारोबार के सिलसिले में यहां आने-जाने पर ठंड में इस रैन बसेरे के कारण उन्हें किराए का होटल नहीं लेना पड़ता। पड़रौना के जलकल बालाजी मंदिर के पुजारी जगदीश मिश्रा ने बताया कि ठंड में पूजा के बाद मंदिर में ठहरना मुश्किल होता था, लेकिन इस जगह पर सभी सुविधाएं मिल जाती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नगर अध्यक्ष विनय जायसवाल अक्सर खुद आकर व्यवस्थाओं की निगरानी करते हैं।
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