कुशीनगर के जिला दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग ने बीते दो वित्तीय सत्रों में 10 ऐसे बच्चों को सुनने और बोलने की क्षमता प्रदान की है, जिनकी उम्र 5 साल से कम थी और वे सुनने में असमर्थ थे। डीडीईओ अभय पाण्डेय ने बताया कि विभाग ने पिछले साल 6 और इस साल 4 बच्चों का कॉक्लियर इम्प्लांट योजना के तहत सफल ऑपरेशन कराया है। इस योजना के तहत बच्चों के इलाज पर 6 लाख रुपये तक का खर्च विभाग वहन करता है। इस सत्र में जिन बच्चों का सफल ऑपरेशन हुआ है, उनमें दिशा सिंह (पुत्री विद्या सागर सिंह, ग्राम- महुआखुर्द), अलिज़ा सिद्दीकी (पुत्री जमाल सिद्दीकी, सिरसियां बुजुर्ग, बिहारी छपरा खजुरी), आयत सिद्दीकी (पुत्री मोहम्मद गुल बहार सिद्दीकी, मलूकही) और अभिराज कुमार कसेरा (पुत्र राहुल कुमार कसेरा, ग्राम व पो०- सेवरही, तमकुहीरोड) शामिल हैं। यह योजना भारत सरकार द्वारा गंभीर रूप से सुनने की क्षमता खो चुके बच्चों और वयस्कों, विशेषकर गरीब परिवारों के लिए शुरू की गई है। इसका उद्देश्य उन्हें मुफ्त कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी और स्पीच थेरेपी प्रदान करना है, ताकि वे ध्वनि सुन सकें और समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। यह पहल ऐसे लोगों के लिए है जिन्हें सामान्य हियरिंग एड से लाभ नहीं होता। योजना में विशेष रूप से 0-5 साल के बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, खासकर गरीब परिवारों से आने वाले बच्चों पर। डीडीईओ अभय पाण्डेय ने बताया कि 0 से 6 साल के बच्चों के परिजन इस योजना का लाभ उठाने के लिए जिले के विकास भवन स्थित दिव्यांग कल्याण बोर्ड में संपर्क कर सकते हैं। यहां बच्चों की कुछ आवश्यक जांचें कराई जाएंगी, जिसके बाद उनका इलाज संभव हो सकेगा। इसके अतिरिक्त, कुछ पंजीकृत अस्पताल भी ऐसे बच्चों को विभाग के संज्ञान में लाते हैं, जिससे उन्हें योजना का लाभ मिल सके।
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