कुशीनगर में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने 18 दिसंबर को विश्व अल्पसंख्यक अधिकारी दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और राज्य सरकार को संबोधित एक ज्ञापन भेजा। यह ज्ञापन अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं के साथ कुशीनगर जिलाधिकारी को सौंपा गया। ज्ञापन में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा, उन पर होने वाले अत्याचारों से सुरक्षा और गंगा-जमुनी तहजीब को बढ़ावा देने की मांग की गई है। समुदाय ने राज्यपाल का ध्यान आकर्षित करते हुए विभिन्न बिंदुओं पर कार्रवाई की अपील की। प्रमुख मांगों में अल्पसंख्यक समुदाय के निर्दोष नेताओं और युवाओं को जेल से रिहा करना शामिल है। इसके साथ ही, शिक्षा और रोजगार के अवसरों में बिना किसी भेदभाव के समान अवसर प्रदान करने की मांग की गई। समुदाय ने समाज में व्याप्त अल्पसंख्यक भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार को समाप्त करने की भी अपील की। अन्य मांगों में अल्पसंख्यक समुदाय की आर्थिक संसाधनों की कमी को दूर करना शामिल है, ताकि उनके आर्थिक स्तर को ऊपर उठाया जा सके। ज्ञापन में अल्पसंख्यकों के संवैधानिक, सांस्कृतिक और धार्मिक अधिकारों के हनन पर रोक लगाने, तथा उन्हें हिंसा व असुरक्षा से बचाने की भी मांग की गई। समुदाय ने अल्पसंख्यकों के हित और कल्याण के लिए जन कल्याणकारी योजनाओं को बिना किसी भेदभाव के संचालित करने पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त, शैक्षिक संस्थानों पर हो रहे अवैध तथा असंवैधानिक उत्पीड़न को रोकने की भी मांग की गई। ज्ञापन में बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा अल्पसंख्यक महिला के साथ किए गए अमर्यादित व्यवहार और उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद द्वारा की गई अमर्यादित टिप्पणी पर कार्रवाई करने की भी मांग शामिल है। जिला अस्पताल में डॉक्टरों और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही तथा गरीब मरीजों के साथ दुर्व्यवहार को समाप्त करने की मांग भी की गई। मुस्लिम समुदाय ने राज्यपाल और सरकार से इन मांगों पर तत्काल ध्यान देने और उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया। इस कार्यक्रम में परवेज आलम, संतोष यादव, आरिफ अली, प्रियेश, अभिषेक, सरताज, सुधीर, नंदू, रहमत, ईश्वर, अब्दुल, आरिफ, सवीर, रणधीर सहित कई लोग मौजूद रहे।
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