कुशीनगर और गोरखपुर जिलों में प्रतिबंधित गन्ना ट्रालों का संचालन धड़ल्ले से जारी है। रामकोला (कुशीनगर) और पिपराइच (गोरखपुर) चीनी मिलें गन्ना क्रय केंद्रों से ढुलाई के लिए ट्रकों की बॉडी से बने बड़े ट्रैक्टर ट्रालों का उपयोग कर रही हैं। जबकि प्रदेश सरकार ने कई घटनाओं के बाद गन्ना लदे ट्रालों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इन ट्रालों का व्यावसायिक उपयोग कृषि पंजीकरण के तहत किया जा रहा है, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। ये ट्राले सामान्य ट्रालियों से तीन गुना बड़े होते हैं, जिससे चालकों को अगल-बगल और पीछे के वाहन दिखाई नहीं देते। आपात स्थिति में भी अन्य वाहनों को साइड लेने के लिए लंबी दूरी तक पीछे चलना पड़ता है। मिल प्रबंधन और संबंधित ठेकेदारों पर आरोप है कि वे जिला प्रशासन को गुमराह कर इन ट्रालों को ‘किसानों की ट्राली’ बताकर अवैध रूप से गन्ना ढुलाई का काम करवा रहे हैं। किसान नेता रामचंद्र सिंह ने बताया कि ये ट्राले सामान्य किसान ट्रालियों और ट्रेलरों की तुलना में पांच गुना बड़े होते हैं। इन पर ट्रकों से भी अधिक वजन लादा जाता है और इन्हें खेती में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टरों से खींचा जाता है, जिससे ये खतरनाक हो जाते हैं। नियमों के अनुसार, क्रय केंद्रों से गन्ना ढोने के लिए ट्रकों का उपयोग किया जाना चाहिए। हालांकि, मिल प्रबंधन कथित तौर पर टैक्स बचाने के लिए इन बड़े ट्रालों से गन्ना ढुलाई करवा रहा है। परिवहन विभाग के अधिकारी (पीटीओ) बलवंत सिंह ने तीन सप्ताह पहले इन चीनी मिलों के ट्रालों पर 3 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसके अतिरिक्त, खोटही के पास इन्हीं ट्रालों से हुई एक व्यक्ति की मौत के बाद कप्तानगंज तहसील क्षेत्र के ग्रामीणों ने एसडीएम कप्तानगंज को पत्रक सौंपकर इन ट्रालों पर रोक लगाने की मांग की थी। इन सब के बावजूद, ये प्रतिबंधित ट्राले कुशीनगर जिले की सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं।
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