कुशीनगर में नकली उर्वरक के अवैध निर्माण और बिक्री के खिलाफ कृषि विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। इस अभियान के तहत दो अवैध निर्माण इकाइयों को सील किया गया है, जबकि दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। जिला कृषि अधिकारी डॉ. मेनका ने बताया कि रामघाम–विशुनपुरा मार्ग पर स्थित एक अवैध इकाई पर छापा मारा गया। छापेमारी के दौरान वहां नकली पोटाश उर्वरक का निर्माण किया जा रहा था। मौके पर ही इकाई को सील कर दिया गया। इस प्रकरण में अजीत कुमार मिश्र के खिलाफ 16 दिसंबर को डीएम की अनुमति से आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3/7 के तहत स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके अतिरिक्त, पिछले माह भी नकली जिंक उर्वरक का निर्माण करने वाली एक अन्य इकाई पर कार्रवाई की गई थी। उस इकाई को भी सील कर दिया गया था। इस मामले में अजय कुमार गुप्ता (पुत्र राधेश्याम, निवासी राजपुर बढ़हा, थाना सेवरही, कुशीनगर) के खिलाफ भी आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3/7 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया था। डॉ. मेनका ने बताया कि रबी अभियान 2025 के तहत कृषि विभाग किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले फास्फेटिक उर्वरक समय से उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयासरत है। जनपद में इस समय उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है और किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार निर्धारित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 14 दिसंबर 2025 को इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) से 499.995 मीट्रिक टन यूरिया और 228.00 मीट्रिक टन पोटाश उर्वरक की खेप जनपद को प्राप्त हुई है। उप कृषि निदेशक एवं उनकी अधीनस्थ टीम द्वारा लगातार क्षेत्रीय भ्रमण और निरीक्षण किया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनपद के सभी किसानों को सभी प्रकार के उर्वरक निर्धारित दरों पर आसानी से उपलब्ध हों और किसी भी प्रकार की कालाबाजारी या नकली उर्वरक की बिक्री पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
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