कुशीनगर के पडरौना स्थित हिन्द अस्पताल में एक गर्भवती महिला की सर्जरी के दौरान कथित लापरवाही से मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि महिला की हालत बिगड़ने पर अस्पताल संचालक ने उन्हें बिना पूरी जानकारी दिए आनन-फानन में गोरखपुर के एक निजी अस्पताल भेज दिया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद हिन्द अस्पताल का संचालक अपने स्टाफ के साथ फरार हो गया। यह घटना नेबुआ-नौरंगिया थाना क्षेत्र के मदरहवा गांव निवासी अनिल कुशवाहा की पत्नी पूजा कुशवाहा (22) से संबंधित है। पूजा की शादी तीन साल पहले हुई थी। अनिल गुजरात के सूरत में मजदूरी करते हैं और अपनी पहली संतान के जन्म की खुशी में एक महीने पहले घर लौटे थे। परिजनों ने बताया कि पूजा कुशवाहा की सभी जांचें और दवाइयां आशा कार्यकर्ता असरफी देवी की सलाह पर चल रही थीं। प्रसव के दिन आशा कार्यकर्ता ने उन्हें पडरौना के खिरिया टोला स्थित हिन्द अस्पताल में सामान्य प्रसव का भरोसा दिलाकर भर्ती कराया। सोमवार सुबह महिला का ऑपरेशन किया गया, जिससे एक बच्ची का जन्म हुआ। नवजात बच्ची को आईसीयू में भर्ती कराने के लिए जिला अस्पताल पडरौना भेज दिया गया। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के लगभग एक घंटे बाद पूजा के मुंह में अचानक ऑक्सीजन लगाई गई। उन्हें बिना कोई स्पष्ट जानकारी दिए एम्बुलेंस बुलाकर गोरखपुर रेफर कर दिया गया। पति अनिल के पूछने पर सिर्फ ‘इमरजेंसी’ बताया गया और उन्हें भी एम्बुलेंस में बैठा दिया गया। रास्ते में एम्बुलेंस कर्मियों ने तीन हजार रुपए मांगे, जिसमें अनिल ने दो हजार रुपए दिए। गोरखपुर पहुंचने पर डॉक्टरों ने पूजा को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन एम्बुलेंस से पूजा का शव लेकर हिन्द अस्पताल लौटे, लेकिन वहां अस्पताल संचालक और सभी स्टाफ फरार मिले। आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल परिसर में घंटों विरोध प्रदर्शन किया और उच्चाधिकारियों को घटना की सूचना दी।
सूचना पर मौके पर पहुंचे डिप्टी सीएमओ कुशीनगर आके गुप्ता एवं पडरौना पुलिस ने पीड़ित परिवार से बातचीत कर न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। वहीं सीएमओ ने प्रथम दृष्टया लापरवाही मानते हुए हिन्द अस्पताल को सीज कर दिया है और मामले में अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है।
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