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कुशीनगर के ढोलहा में डेंगू और जेई के मरीज मिले:स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, सीएचसी प्रभारी बोले- बीमारी नियंत्रण में

कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के ढोलहा गांव के गुलहरिया टोला में बुखार के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट आ गई है। इनमें एक बच्चे में डेंगू और एक अन्य में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) की पुष्टि हुई है। हाल ही में इस टोला में तीन बच्चियों मंजू, खुशी और कृष्णा की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 29 नवंबर को कुल 18 बच्चों के सीरम सैंपल लिए थे। इनकी जांच 30 नवंबर को गोरखपुर स्थित आईसीएमआर-क्षेत्रीय चिकित्सकीय अनुसंधान केंद्र में की गई, जिसमें अधिकांश नमूने सामान्य पाए गए। हालांकि, एक बच्चे में डेंगू आईजीएम पॉजिटिव और एक अन्य में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) आईजीएम पॉजिटिव पाया गया। इसके अतिरिक्त, तीन सैंपलों की रिपोर्ट इक्विवोकल (अनिश्चित) मिली है, जिनकी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कुछ दिनों बाद दोबारा जांच कराई जाएगी। ​​​​​​​ रिपोर्ट जारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने गुलहरिया टोला में सतर्कता बढ़ा दी है। निगरानी टीमों को सक्रिय कर घर-घर जाकर जांच और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि वे घरों के आसपास पानी जमा न होने दें, साफ-सफाई बनाए रखें और मच्छररोधी साधनों का उपयोग करें। चिकित्सकों के अनुसार, आईजीएम पॉजिटिव का अर्थ है कि मरीज वर्तमान में सक्रिय संक्रमण से ग्रसित है। इक्विवोकल रिपोर्ट का मतलब है कि परिणाम स्पष्ट नहीं हैं और दोबारा परीक्षण आवश्यक है। नेबुआ नौरंगिया के सीएचसी प्रभारी रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि पांच बच्चों की मौत के बाद 19 गांवों में सघन तलाशी अभियान चलाया गया था। उन्होंने बताया कि जिस बच्चे में जापानी इंसेफेलाइटिस पॉजिटिव पाया गया है, उसकी मेडिकल हिस्ट्री की जांच की गई। पता चला कि उसे बचपन में भी यह बीमारी थी। रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि सर्दी-बुखार होने पर जब उसकी जांच कराई गई तो वह पॉजिटिव आया था। उसे ऑब्जरवेशन के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया था और अब वह ठीक हो चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि इलाके में आज कोई बच्चा पीड़ित नहीं मिला है और स्थिति में सुधार हो रहा है। डॉ. रजनीश श्रीवास्तव ने सलाह दी कि बुखार, तेज सिरदर्द, उल्टी, कमजोरी या प्लेटलेट घटने जैसे लक्षण दिखने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच करानी चाहिए। चिकित्सकों ने जोर दिया कि समय पर सावधानी और सतर्कता ही इन बीमारियों से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है।


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