DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

किसान की हत्या की 3 महीने पहले रची साजिश:ट्रैकिंग से बचने के लिए कीपैड फोन का इस्तेमाल, ₹1.5 लाख में हत्यारा तैयार किया

लखनऊ के निगोहां थाना क्षेत्र से लापता किसान कबीर उर्फ शिव प्रकाश की जमीन के चक्कर में प्रॉपर्टी डीलर ने हत्या कर शव जला दिया। घटना के करीब 22 दिन बाद पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी सुजीत श्रीवास्तव सहित पांच को गिरफ्तार कर जेल भेजा। आरोपी सुजीत करीब तीन महीने से साजिश रच रहा था। इसके लिए उसने 1.5 लाख रुपए में हत्या का सौदा किया। अलग-अलग किरदार को शामिल किया। लगभग अपने प्लान में कामयाब भी हो गया लेकिन एक चूक से पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पहले घटना जानते हैं… शिव प्रकाश के भाई ने फर्जी तरीके से जमीन बेची दखिना गांव के रहने वाले शिव प्रकाश पेशे से किसान थे। उनके पास 44 बिस्वा जमीन थी। जिसमें से 23 बिस्वा बची थी बाकी पर कब्जा हो गया था। इसकी कीमत करोड़ों रुपए बताई जा रही थी। मृतक दो भाइयों में छोटा था। बड़े भाई ने अपना हिस्सा पहले ही बेच दिया था। वहीं, मां के हिस्से की जमीन की वसीयत शिव प्रकाश के नाम कर दी गई थी। इसके बाद में बड़ा भाई मां को अपने साथ ले गया। उनसे अपने नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार कराई। फिर शिव प्रकाश की जगह किसी अन्य व्यक्ति को खड़ा करके जमीन को प्रॉपर्टी डीलर सुजीत श्रीवास्तव के जरिए बेच दिया। साल 2019 शिव प्रकाश को इस हेराफेरी की जानकारी हुई, तो उसने कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया। उसकी लगातार पैरवी कर रहा था। इसके बाद खरीदार सुजीत पर पैसा वापस करने या फिर जमीन दिलाने का दबाव बना रहे थे। दोस्त की शिकायत पर हुआ हत्या का खुलासा शिव प्रकाश अपने दोस्त सुरेंद्र के साथ ही रहता था। 15 नंवबर को शिव प्रकाश लालपुर टावर एक मित्र से मिलने जाने की बात कहकर निकला। इसके बाद वापस नहीं लौटा। आसपास काफी तलाश करने के बाद सुरेंद्र ने 19 नवंबर को पुलिस को जानकारी दी। साथ ही जमीनी विवाद का केस बताकर अपहरण की आशंका भी जाहिर की। पुलिस ने कई लोगों से पूछताछ की लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला। मोबाइल की लोकेशन रायबरेली लालगंज में खत्म हुई पुलिस ने शिव प्रकाश के मोबाइल की लोकेशन ट्रैक करना शुरू की। इस पर लोकेशन रायबरेली के लालगंज में जाकर खत्म हो गई। वहां आसपास के सीसीटीवी खंगाले लेकिन कोई संदिग्ध दिखाई नहीं दिया। इस दौरान पुलिस शिव प्रकाश का कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकाल चुकी थी। जिसमें एक नंबर से अक्सर बातचीत होती मिली। घटना वाले दिन वही नंबर शिव प्रकाश की लोकेशन के साथ लगातार एक्टिव मिला। फिर उस लोकेशन का पता करते हुए पुलिस उन्नाव तक पहुंची। पैर में चोट के निशान से हुई शिनाख्त पुलिस बीघापुर थानाक्षेत्र में पहुंची तो वहां एक अज्ञात शव मिलने की जानकारी मिली। हालांकि शव जला दिया गया था। पुलिस ने शव कब्जे में लेने के दौरान और अज्ञात में अंतिम संस्कार करने के दौरान कुछ तस्वीरें ली थी। वो तस्वीरें परिजनों को दिखाई गई। पूरे शरीर में सिर्फ पैर ही बचा था बाकी बॉडी जल गई थी। कई साल पहले शिव प्रकाश के पैर में चोट लगी थी। जिसका निशान पड़ गया था। उसी निशान से उसकी शिनाख्त हुई। एक्टिव मोबाइल नंबर की डिटेल निकलवाने पर हत्यारों तक पहुंची पुलिस शिव प्रकाश की शिनाख्त होने के बाद पुलिस जांच में तेजी लाई और मोबाइल नंबर को ट्रेस करना शुरू किया। जिसकी मदद से सुजीत श्रीवास्तव को हिरासत में लिया। पहले तो सुजीत पुलिस को गुमराह करता लेकिन कड़ाई करने जुर्म कबूल कर लिया। इसके बाद पुलिस ने घटना में शामिल पिन्टू (32) पुत्र निवासी बिलिया टोला नगराम नगराम, विनोद (26) पुत्र विजय बहादुर निवासी नगराम, लालू उर्फ नीरज कश्यप (27) निवासी ब्राह्मण टोला नगराम और राजू उर्फ राजकुमार (34) निवासी ग्राम अमवा मुर्तजापुर नगराम को पकड़ लिया। सुजीत प्रॉपर्टी का काम करता है, जबकि अन्य किसान हैं, जो पैसे की लालच में घटना को अंजाम दिए। घटना में शामिल एक अन्य आरोपी दिलीप फरार है। कैसे तैयार की हत्या की प्लानिंग आरोपी की जुबानी आरोपी सुजीत कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस को बताया- दोस्तों के साथ शिव प्रकाश की हत्या की प्लानिंग की। कई की पैड मोबाइल और फर्जी कागजातों से सिम कार्ड खरीदे। चीन की कंपनी का एक अन्य मोबाइल लखनऊ से खरीदा था। यह फोन दिलीप को दे दिया। सुजीत और दिलीप हत्या की योजना बनाने के लिए दोनों नम्बरों से आपस में बात करते थे। समय-समय पर दिलीप दोनों नम्बरों से शिव प्रकाश से भी बात करता था। दिलीप ने बातचीत करके धीरे-धीरे शिव प्रकाश से नजदीकियां बढ़ा ली थीं। धोखा देकर कार में बैठाया सुजीत ने बताया- 15 नवंबर की शाम को शिव प्रकाश को धोखे से लालपुर टावर के पास बुलाया। जहां पहले से योजनाबद्ध तरीके से कार में सुजीत, राजू और दूसरी कार जिसे दिलीप चला रहा था उसमें विनोद, पिन्टू, लालू उर्फ नीरज सवार थे। थोड़ी ही देर में कबीर उर्फ शिवप्रकाश मौके पर आ गया। दिलीप और पिन्टू ने मिलकर शिवप्रकाश को बात करते हुए बहला फुसलाकर बातों में उलझाते हुए गाड़ी में बैठने के लिए कहा तो शिवप्रकाश कार में बैठने के लिए तैयार नहीं हुआ। 35 किलोमीटर दूर ले गए, लाश जलाई दिलीप और पिन्टू ने शिव प्रकाश को जबरन अपनी गाड़ी में बैठा लिया। इसके बाद उसे सुदौली मोड़ से भवरेश्वर मंदिर को जाने वाले रास्ते पर ले गए। कैमरे की नजर में न आ पाएं। इसलिए लिंक रोड का सहारा लिया। कुछ देर में हम लोग लालगंज डलमऊ होते हुए रायबरेली पहुंच गए। शिवप्रकाश को हम लोगों ने कार के अंदर ही गला दबाकर मार दिया। लाश को ठिकाने लगाने के लिए सुनसान जगह की तलाश में 35 किलोमीटर दूर उन्नाव के बीघापुर पहुंचे। यहां शिवप्रकाश की लाश पेट्रोल छिड़ककर जला दी। फिर उसकी लाश और मोबाइल को हाईवे किनारे खाई में फेंक दिया।


https://ift.tt/Qtb9Ku2

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *