भारतीय किसान यूनियन ने 22 दिसंबर को होने वाली महापंचायत की तैयारियों के संबंध में शनिवार को अंसल हाउसिंग सोसाइटी में एक बैठक की। इस दौरान किसानों ने महापंचायत की रणनीति पर चर्चा की। जिला अध्यक्ष रॉबिन नागर ने बताया कि ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्रों के किसान कई वर्षों से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्राधिकरणों ने विकास के नाम पर किसानों की उपजाऊ और पुश्तैनी जमीनें कम दामों पर अधिग्रहित कीं, लेकिन आज भी ये किसान मूलभूत सुविधाओं के लिए भटकने को मजबूर हैं। भारतीय किसान यूनियन द्वारा समय-समय पर धरना-प्रदर्शन, महापंचायत और प्रशासनिक वार्ताएं की गईं, फिर भी किसानों की समस्याएं अनसुलझी बनी हुई हैं। इस स्थिति के लिए यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण और संबंधित जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया गया है। किसानों की लगातार उपेक्षा और गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए, भारतीय किसान यूनियन ने 22 दिसंबर 2025 (सोमवार) को यमुना एक्सप्रेसवे जीरो पॉइंट, ग्रेटर नोएडा पर एक विशाल किसान महापंचायत आयोजित करने का निर्णय लिया है। यूनियन ने कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन, प्रशासन और प्राधिकरण की होगी। महापंचायत में किसानों की प्रमुख मांगें हैं: यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना में अधिग्रहित भूमि वाले गौतम बुद्ध नगर से लेकर अलीगढ़, हाथरस, आगरा और मथुरा तक के सभी किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा और 10 प्रतिशत आवासीय भूखंड प्रदान किया जाए। इसके अतिरिक्त, यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों ओर सर्विस रोड का शीघ्र निर्माण हो, जिससे स्थानीय आवागमन, सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं में सुविधा मिल सके। जेवर में निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से प्रभावित और विस्थापित किसानों को विस्थापन नीति में संशोधन कर वर्ष 2023 के मानकों के अनुसार उनकी भूमि और संपत्ति का उचित प्रतिकार दिया जाए। रोजगार सहित अन्य मांगें भी इस महापंचायत में उठाई जाएंगी।
https://ift.tt/7c3uMeh
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply