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कासगंज में कोलतार मिलावट फैक्ट्री पर STF का छापा:4 टैंकर जब्त, 6 गिरफ्तार; 10 लोगों पर FIR दर्ज

कासगंज जिले में लखनऊ एसटीएफ ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कोलतार में मिलावट करने वाली एक फैक्ट्री पर छापा मारा। यह फैक्ट्री कासगंज-मथुरा रोड पर अथेया चौराहे के पास स्थित थी, जहाँ सड़क निर्माण में प्रयुक्त होने वाले कोलतार में अवैध रूप से मिलावट की जा रही थी। यह अभियान 15 घंटे तक चला, जिसमें मौके से छह लोगों को गिरफ्तार किया गया और भारी मात्रा में मिलावटी कोलतार जब्त किया गया। जिलाधिकारी कासगंज को सूचित करने के बाद, लखनऊ एसटीएफ टीम, आपूर्ति विभाग, थाना ढोलना पुलिस और लोक निर्माण विभाग की एक संयुक्त टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। लखनऊ एसटीएफ टीम के उप निरीक्षक विनोद सिंह के नेतृत्व में टीम शुक्रवार सुबह 04:32 बजे एटीएस स्कूल के पीछे स्थित फैक्ट्री पर पहुंची। छापेमारी के दौरान, फैक्ट्री परिसर में RJ 11 GC-1863, UP82AT-3635, UP86AT-2562 और UP50 CRG-9439 नंबर के चार टैंकर खड़े मिले, जिनमें कोलतार भरा हुआ था। टैंकर नंबर RJ 11 GC-1863 और UP82AT-3635 के चालकों की पहचान चंद्रपाल (पुत्र वेदराम, निवासी कीलोनी, थाना बलदेव, मथुरा) और विक्रम (पुत्र सोरन सिंह, निवासी ग्राम बेरी, थाना फरह, मथुरा) के रूप में हुई। पूछताछ में इन चालकों ने बताया कि वे ऐस ऐके ग्रुप, मौजा महोली, मथुरा से बिटुमिन बीजी 10 (कोलतार) भरकर बरबदिया सप्लायर्स प्राइवेट लिमिटेड, नेपाल ले जा रहे थे। उन्होंने रास्ते में एटीएस स्कूल के पीछे स्थित फैक्ट्री में अवैध रूप से कोलतार बेचने के लिए अपना वाहन रोका था। इसी तरह, टैंकर नंबर UP86AT-2562 के चालक जिग्नेश (पुत्र वीरेंद्र, निवासी गणसौली, थाना बलदेव, मथुरा) ने बताया कि वह इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, रिफाइनरी मथुरा से बिटुमिन बीजी 30 (कोलतार) को प्लॉट साइड एनएच 74/30 अमरिया, पीलीभीत पहुंचा रहे थे। उन्होंने भी कासगंज-हाथरस मोड़ पर स्थित एटीएस स्कूल के पीछे की इस फैक्ट्री में अवैध रूप से कोलतार बेचने की बात स्वीकार की। आरोपियों द्वारा बिटुमिन कोलतार में स्टोन डस्ट मिलाकर उसे ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा था, जिससे वे अवैध लाभ कमा रहे थे। इस मिलावट से सार्वजनिक उपयोग के लिए बनने वाली सड़कों की गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हो रही थी। बिटुमिन में स्टोन डस्ट मिलाना पेट्रोलियम एक्ट 1934 और उत्तर प्रदेश हाई-स्पीड डीजल ऑयल एंड लाइट डीजल ऑयल (मेंटेनेंस ऑफ सप्लाई एंड डिस्ट्रीब्यूशन) आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत एक गंभीर अपराध है। इस मामले में कुल 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।


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