काशी और तमिलनाडु के मध्य सांस्कृतिक भाषायी एवं शैक्षणिक सेतु को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में काशी तमिल संगमम् 4.0 के द्वितीय चरण के अंतर्गत वाराणसी से 300 छात्रों का एक विशेष दल तमिलनाडु के लिए रवाना हुआ। इस अवसर पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने छात्रों के इस दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। छात्रों को बोले- जिज्ञासा के साथ करिएगा भ्रमण कार्यक्रम के दौरान नोडल ऑफिसर प्रो. अंचल श्रीवास्तव ने सभी छात्रों को संबोधित करते हुए काशी तमिल संगमम् की परिकल्पना, उद्देश्य और महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों एवं शिक्षकों का आपसी परिचय भी कराया और इस सांस्कृतिक यात्रा को एक जीवंत शैक्षणिक अनुभव बताते हुए सभी प्रतिभागियों से अनुशासन, जिज्ञासा और सांस्कृतिक संवेदनशीलता के साथ इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल भ्रमण नहीं, बल्कि भारत की एकता, विविधता और सांस्कृतिक निरंतरता को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करने का अवसर है। तमिल सीखने के थीम हो रहा तमिल संगमम-4 काशी तमिल संगमम् 4.0 की इस वर्ष की थीम “काशी करकलाम (तमिल सीखें)” रखी गई है, जिसके अंतर्गत छात्रों को तमिल भाषा, साहित्य, संस्कृति और शैक्षणिक परंपराओं से प्रत्यक्ष रूप से परिचित कराया जाएगा। इस दल में सम्मिलित छात्र वाराणसी के विभिन्न विश्वविद्यालयों से हैं, जो तमिलनाडु के अनेक विश्वविद्यालयों का भ्रमण कर वहां की अकादमिक गतिविधियों, सांस्कृतिक परंपराओं और सामाजिक जीवन को नजदीक से समझेंगे। समापन में शामिल होंगे प्रधानमंत्री कुलपति अजित चतुर्वेदी ने कहा - यह काशी तमिल संगमम् के इतिहास में एक विशेष अवसर है, क्योंकि पहली बार काशी से छात्रों का संगठित समूह तमिलनाडु की यात्रा पर जा रहा है। यह पहल युवा पीढ़ी के माध्यम से उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक संवाद को नई ऊर्जा प्रदान करेगी। काशी तमिल संगमम् 4.0 का समापन रामेश्वरम् में प्रधानमंत्री के द्वारा किया जाना प्रस्तावित है।
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