महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय में मंगलवार की शाम छात्र की हत्या के इरादे से पिस्टल तानने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान डबल मर्डर के आरोपी आलोक उपाध्याय निवासी चंदौली के रूप में हुई है। पकड़ा गया आरोपी आलोक साल 2018 में JHV माल में हुए दिन दहाड़े डबल मर्डर का भी आरोपी है। पुलिस ने उसे संबंधित धाराओं में जेल भेज दिया है। सिगरा इलाके से हुआ गिरफ्तार
थाना प्रभारी सिगरा संजय मिश्रा ने बताया – मंगलवार की शाम विद्यापीठ की सेंट्रल लाइब्रेरी के स्टेंड में बैठे LLM स्टूडेंट को कुछ छात्रों ने पिस्टल तानकर धमकाया और हत्या का प्रयास किया था। इस संबंध में पीड़ित की तहरीर और सीसीटीवी फुटेज की मदद से अभियुक्त आलोक कुमार उपाध्याय को चिह्नित किया गया था। जिसके बाद उसे बुधवार को सिगरा इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या और गैंगेस्टर का है आरोपी
संजय मिश्रा ने बताया – पकड़ा गया अभियुक्त आलोक शातिर किस्म का है। साल 2018 में 31 अक्टूबर को JHV माल थाना कैंट में हुए डबल मर्डर में भी आलोक आरोपी है। इसी मामले में उसपर गैंगस्टर की भी धाराएं बढ़ाई गई हैं। फिलहाल उसे संबंधित धाराओं में जेल भेजा जा रहा है। अब जानिए 9 दिसंबर को विद्यापीठ कैंपस में क्या हुआ था ? वाराणसी के काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय में मंगलवार को दोपहर बाद LLM के छात्रों पर पूर्व छात्रों ने तमंचा तान दिया। दरअसल, सेंट्रल लाइब्रेरी के बाहर स्थित साईकिल स्टैंड में 5 छात्र बैठे थे। तभी LLM पासआउट 3 सीनियर आए। तमंचा निकालकर पहले जूनियरों को धमकाया। इसके बाद तमंचा लहराया और हवा में फायरिंग की। हालांकि गोली मिस हो गई। आरोपी जब भागने लगे तो उनकी यूनिवर्सिटी के छात्रों से झड़प भी हुई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की, तो वह हॉस्टल की ओर भागे। इस दौरान वहां अफरा-तफरी का माहौल रहा। पीड़ित छात्र ने पुलिस को दी जानकारी और तहरीर
पीड़ित LLM छात्र गौरव कुमार पटेल ने पुलिस को बताया था कि- मैं विश्वविद्यालय से एलएलएम कर रहा हूं। आज अपने दोस्तों के साथ नरेंद्र देव हॉस्टल के बाहर स्टैंड पर बैठा था। उसी समय 3 लोग आते हैं और मेरे ऊपर तमंचा तानते हैं। कहते हैं- का है रे और फायर करते हैं, लेकिन गोली मिस हो जाती है। उसमें मोनू सिंह, आलोक उपाध्याय और अंकित दुबे थे, जो यहां से एलएलबी पासआउट हैं। जूनियर होने के नाते मैंने उनसे बात भी की। पूछा कि क्या हुआ, लेकिन उन्होंने कुछ सुना नहीं। जबकि मेरी किसी से कोई रंजिश नहीं है। गौरव ने बताया कि हमने जब दोबारा पूछा तो उसने कहा कि शिवम तिवारी ने भेजा है। इसके बाद और लड़के इकट्ठा हो गए, तो वो लोग वहां से भाग गए। छात्रों की सूचना पर मौके पर पुलिस आ गई। सिगरा थाना प्रभारी संजय मिश्रा भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। प्रॉक्टोरियल के सदस्यों के साथ हॉस्टल में तलाशी ली थी। अब जानिए क्या था JHV डबल मर्डर, और कब गिरफ्तार हुआ था आलोक 31 अक्टूबर बुधवार साल 2018 में आलोक उपाध्याय उपाध्याय उसके साथी रोहित, कुंदन और ऋषभ ने दो लोगों की अंधाधुंध फायरिंग कर ह्त्या कर दी थी। अलोक की गर्लफ्रेंड की बहन जेएचवी माल में एक शोरूम में कार्यरत थी। जिसे वहां काम करने वाला लड़का परेशान करता था। गर्लफ्रेंड के कहने पर अलोक ने अपने दोस्त रोहित जो जेएचवी में ही काम करता था। उसके सहयोग से ऋषभ, कुंदन और स्वयं असलहे के साथ जेएचवी माल में 31 अक्टूबर को प्रवेश किया था। शोरूम में प्रशांत को ढूंढ रहे आलोक के हाथ में पिस्टल देखकर लोगों ने उसे पकड़कर पीटना शुरू किया तो ऋषभ और कुंदन ने अंधाधुंध फायरिंग कर दिया जिसमें शोरूम के गोपी कन्नौजिया और सुनील कुमार गौड़ की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। 5 नवंबर 2018 को रेलवे स्टेशन से हुआ था आलोक गिरफ्तार
जेएचवी डबल मर्डर में मुख्य अभियुक्त आलोक को उसके पिता अवधेश दिल्ली लेकर जा रहे थे। जमानत के लिए लेकिन क्राइम ब्रांच को सूचना मिल गई और उसे कैंट रेलवे स्टेशन से ट्रेन से पकड़ लिया गया था। उसपर पुलिस ने 50 हजार का इनाम भी घोषित किया था।
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