शक्तिपीठ मां विशालाक्षी मंदिर में कुंभाभिषेक के निमित्त महत्वपूर्ण विधान पूरे किए गए। देवी के पूर्व से स्थापित विग्रह को मंत्रोच्चार के बीच चलायमान किया गया। यह प्रक्रिया पूर्ण होने के साथ ही गर्भगृह के पट आमजन के लिए बंद कर दिए गए। अब सामान्य लोगों को करीब 45 घंटे बाद आज 3 बजे के बाद दर्शन मिलेंगे। आज होगी प्राण प्रतिष्ठा मंदिर में काशी की विशालाक्षी, कांची की कामाक्षी, मदुरै की मीनाक्षी, गणेश और कार्तिक भगवान के नए विग्रह स्थापित किए जाएंगे। इन विग्रहों को रविवार की शाम नगर भ्रमण कराया गया। भ्रमण शोभायात्रा मंदिर से आरंभ होकर मीरघाट, त्रिपुरा भैरवी, दशाश्वमेध होते गोदौलिया तक गई। उसके बाद पुन: मंदिर आकर समाप्त हुई। नगर भ्रमण के बाद विग्रहों को उस स्थान पर रखा गया जहां आज दिसंबर को इनकी प्राण प्रतिष्ठा होनी है। दक्षिण भारतीय विधि विधान से हो रहा पूजन इससे पूर्व प्रात:कालीन सत्र में गणपति पूजन किया गया। मंडपम पूजन, प्रधान कलश पूजन के बाद ‑आराधना की गई। तमिलनाडु से आए 11 वैदिकों ने मंत्रोच्चार के बीच यज्ञ‑ हवन कराया। पूरा परिसर मंत्रध्वनि से गुंजायमान होता रहा। दक्षिण भारतीय भक्त भी शामिल काशी नाट्टकोट्टई नगर क्षत्रम मैनेजिंग सोसाइटी में हो रहे अनुष्ठान में दक्षिण भारत से आए भक्तगण भी शामिल हो रहे हैं। समस्त धार्मिक अनुष्ठान डॉ.शिवाश्री केपीगुरुकल के आचार्यत्व में हो रहे हैं।
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