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काशी के मुस्ताक विदेशी पर्यटकों को सिखा रहे बांसुरी:20 साल से गली में लगाते है दुकान,10 से अधिक देशों में है स्टूडेंट्स

महादेव की नगरी काशी में संगीत का अलग ही आनंद है। यहां आने वाले विदेशी पर्यटक गायन वादन और नृत्य का क्लास करते हैं। ऐसे तमाम बड़े घराने हैं जहां पर वह शिक्षा लेने के लिए जाते हैं लेकिन बनारस में एक बांसुरी वादक ऐसा भी है जो बांसुरी बचने के साथ-साथ लगभग 10 से अधिक देशों के पर्यटकों को बांसुरी सीख चुका है। दैनिक भास्कर ने फ्रांस के स्टूडेंट से बातचीत की फ्रांस के रहने वाले एविल भारत यात्रा पर निकले हुए हैं। वह सबसे पहले मथुरा गए और वहां के बाद अब वाराणसी पहुंचे हैं उन्होंने बताया कि गत घूमने के बाद वह जब अपने होटल जा रहे थे तो इस समय उनकी नजर मुस्ताक पर पड़ी उन्होंने वहां से बांसुरी खरीदी और इस समय उन्होंने पूछा कि यह आपको बजाने आता है। उन्होंने बजाना सिखा दिया लगभग 2 से 3 दिन में वह हल्की-फुल्की बांसुरी बजाने लगे और अब वह प्रतिदिन क्लास लेने के लिए आ रहे हैं उन्होंने बताया कि वह साउथ की तमाम गीतों को सुनते हैं उन्हें साउथ की गीत और उसके धुन काफी पसंद है उन्होंने बताया कि वह फ्रांस में अभी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं। संगीत से काफी प्रेम है भारतीय संगीत को वह अपने भी देश पहुंचकर लोगों को सिखाने का काम करेंगे। आइये जानते है मुश्ताक के बारे में… मुश्ताक अस्सी घाट पर बांसुरी की दुकान लगाते हैं यह वाराणसी के मुडाइला ( मंडुआडीह ) के रहने वाले हैं। मुश्ताक बताते हैं कि हमारे परिवार के लोग संगीत से जुड़े हुए थे और उसी परंपरा का निर्वहन हम भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब शादी हो गई तो उसके बाद पैसे की आवश्यकता होने लगी फिर हम घाट पर दुकान लगाने लगे। उन्होंने बताया कि हमने बांसुरी बनाने और बेचने का काम शुरू कर दिया। जब मैं शुरू शुरू में बनारस के घाटों पर बांसुरी की दुकान लगाया करता था, तो लोग पसंद नहीं करते थे और जब हम यहां इसे बेचने के साथ-साथ बजाया करते थे तो लोग काफी नाराज भी हुआ करते थे। लेकिन समय बदलने के साथ-साथ आज मुश्ताक के पास जो भी पर्यटक आते हैं। वह मुश्ताक के इस बांसुरी की आवाज को सुनाने के लिए एक बार जरूर ठहर जाता हैं और मुश्ताक भाई के इस बांसुरी को सीखने के साथ-साथ खरीदना भी पसंद करते हैं। मुश्ताक भाई उन्हें पहले बांसुरी बजाने का तरीका सिखाते हैं और बड़े ही अदब लिहाज से उन्हें यह बांसुरी देते हैं।


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