कानपुर में लोगों को शिकार बनाने वाले आवारा कुत्तों की नसबंदी कराई जाएगी। जिससे कि उनका जनसंख्या नियंत्रण किया जा सके। नगर निगम इसके लिए जोनवार अभियान चला रहा है और आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी कराई। कानपुर में बने एबीसी सेंटर में इन कुत्तों को रखने की व्यवस्था है। जिले में हर दिन 1000 से ज्यादा लोगों को आवारा कुत्ते अपना शिकार बनाते हैं। जिसके कारण सुबह निकलने वाले स्कूली बच्चे और रात में ऑफिस से घर जाने वाले लोग सूनसान सड़क पर चलने से घबराते हैं। आमजनों को इस समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए नगर निगम अब सख्त हुआ है और हर जोन में इसके लिए अभियान शुरू कर दिया है। कुत्तों के काटने के लगातार बढ़ रहे मामले
कानपुर में हर दिन 1000 से ज्यादा लोगों को कटखन्ने कुत्ते अपना शिकार बना रहे हैं। जिसके बाद लोगों सरकारी ओर गैर सरकारी संस्थानों में अपना इलाज करा रहे हैं। जिला अस्पताल (उर्सला) में हर दिन 250 लोगों को कुत्ता काटने के बाद रैबीज के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। वहीं जिले की सभी पीएचसी और सीएचसी सेंटर में भी लगातार कुत्ते काटने के बाद लोगों को इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। ऐसे में लोगों की परेशानी को देखते हुए नगर निगम ने अभियान तेज किया है और कुत्तों की नसबंदी का काम तेज कर दिया गया है। हर जोन से कुत्तों को पकड़ने का काम किया जा रहा है। डेढ़ लाख कुत्ते, 45 हजार की हुई नसबंदी नगर निगम के मुताबिक शहरी क्षेत्र में लगभग डेढ़ लाख कुत्ते हैं, जिनका जोनवार रिकॉर्ड तैयार किया गया है। इसमें नगर निगम अब तक लगभग 45 हजार कुत्तों की नसबंदी का काम पूरा कर चुका है। हर दिन कुत्तों की धरपकड़ करके इनकी नसबंदी का काम किया जा रहा है। हर दिन हो रही है 40 सर्जरी कानपुर में अभियान चलाकर आवारा कुत्तों की हर दिन धरपकड़ की जा रही है। जिसके बाद इन्हें नगर निगम अपने एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटर में लाकर इनकी नसबंदी करा रहा है। नसबंदी कराने के बाद कुत्तों को एंटी रैबीज इंजेक्शन दिए जा रहे हैं और इसके बाद छोड़ जाता है। सारी प्रक्रिया एक सप्ताह की रहती है। कुत्तों को पकड़ने के बाद उन्हें सेंटर में लाया जाता है। एक दिन निगरानी करने के बाद उनकी नसबंदी का काम किया जाता है। इस दौरान कुत्तों की हेल्थ का ध्यान रखा जाता है और उन्हें पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। जब कुत्ते स्वस्थ्य हो जाते हैं, इसके बाद ही उन्हें छोड़ा जाता है। सिर्फ नसबंदी कराएगा नगर निगम
नगर निगम के पशु चिकित्सा विभाग की देखरेख में कुत्तों की नसबंदी का काम किया जा रहा है। नसबंदी और एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाने के बाद इन कुत्तों को दुबारा वापस छोड़ दिया जा रहा है। शहर में झुंड लगाकर बैठने वाले कुत्तों को उनके क्षेत्र से दूर छोड़ा जाता है, जिससे कि वह दुबारा लौटकर वापस न आएं। कुत्तों की शिकायत के लिए यहां करें शिकायत
कानपुर में किसी इलाके में अगर आवारा कुत्तों का आतंक है, तो आमजन सीधे नगर निगम को सूचना दे सकते हैं। आमजन नगर निगम के नंबर 05102526004 और 05102526005 पर आवारा कुत्तों की सूचना दे सकते हैं। जिसके बाद नगर निगम की टीम तत्काल इन कुत्तों को पकड़ेगी और इनकी नसबंदी कराएगी। इसके साथ ही इनका टीकाकरण भी कराया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार चल रहा अभियान
नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आरके निरंजन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार आवारा पशुओं की नसबंदी का काम लगातार जारी है। हमारे दोनों एबीसी सेंटर पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं और जल्द से जल्दी इस काम को पूरा किया जाएगा। ————————— ये खबर भी पढ़िए- BSF जवान के पार्थिव शरीर से लिपटकर रोई पत्नी-बेटी:कानपुर में अंतिम विदाई, 500 युवा तिरंगा लेकर पहुंचे, अमृतसर में हार्ट अटैक से मौत कानपुर के रहने वाले BSF जवान का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह घर पहुंचा। अमृतसर में ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी। शव पहुंचते ही जवान के घर में कोहराम मच गया। पत्नी-बेटी और बेटा उनके शव से लिपटकर रोने लगे। जवान की अंतिम विदाई में काफी संख्या में लोग जुटे। अंतिम यात्रा के दौरान 500 से अधिक युवा तिरंगा लेकर निकले। “भारत माता की जय” और “वीर जवान अमर रहें” के नारे लगाए गए। पढ़ें पूरी खबर…
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