कानपुर पुलिस कमिश्नर कार्यालय में सोमवार को नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 205 पुलिसकर्मियों की आंखों की जांच की गई। करीब 40 प्रतिशत पुलिसकर्मियों के आंखों में ड्राई नेस की समस्या पाई गई, जिसका डॉक्टरों ने प्रमुख कारण अधिक मोबाइल का उपयोग, बिना चश्मे के बाइक चलाना बताया। इसके साथ ही सीनियर पुलिसकर्मियों की आंखों में मोतियाबिंद की बीमारी भी सामने आई। पुलिस कमिश्नर ने रेटिना जांच करा किया शुभारंभ कनिका हॉस्पिटल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ शरद अग्रवाल व आकांक्षा शर्मा के नेतृत्व में शिविर का आयोजन किया गया। पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल ने रेटिना जांच करा कर शिविर का शुभारंंभ किया। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के दैनिक कर्तव्यों के मद्देनजर स्वस्थ्य आंखें होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। जांच शिविर में 205 पुलिसकर्मियों ने अपनी आंखों की जांच कराई। डॉक्टर शरद अग्रवाल ने बताया कि करीब 8 से 10 सीनियर पुलिसकर्मियों की आंखों में मोतियाबिंद की समस्या सामने आई, इसके साथ ही करीब 80 से अधिक पुलिसकर्मी आंखों में ड्राईनेस की समस्या से परेशान मिले। कुछ पुलिसकर्मियों की आंखों से पानी आने की भी समस्या मिली। 40 से अधिक पुलिसकर्मियों के आंखों की रेटिना जांच की गई। इसके साथ ही कई पुलिसकर्मी निकट व दूरदृष्टि दोष की समस्या से भी ग्रसित पाए गए। 40 पुलिसकर्मियों को उपलब्ध कराए गए चश्मे 40 पुलिसकर्मियों की आंखों के जांच के बाद उनको मुफ्त चश्में भी उपलब्ध कराए गए। विशेषज्ञों ने बताया कि बढ़ती उम्र के साथ मोतियाबिंद की समस्या आम है। वहीं आंखों की एलर्जी पर उन्होंने नसीहत की बाइक चलाने के दौरान चश्मे का इस्तेमाल जरूर करें। बात करते समय पलक जरूर झपकाएं, लगातार आई कांटेक्ट बनाए रखने से आंखों में ड्राई नेस की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही जरूरत भर ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की सलाह दी।
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