आगरा में अखिल भारतीय व्यावसायिक परीक्षा (AKHIL) की प्रयोगात्मक परीक्षा चल रही है। इसके लिए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। इसके बाद भी फर्जी परीक्षा केंद्रों का मामला थम नहीं आ रहा है। प्रयोगात्मक परीक्षाएं जारी हैं, लेकिन इस दौरान ऐसे आईटीआई कॉलेजों को परीक्षा केंद्र घोषित किए जाने का मामला सामने आया है, जो धरातल पर नहीं हैं। राष्ट्रीय छात्र परिषद के पदाधिकारी रौनक ठाकुर ने बताया कि सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि पहले सालासर आईटीआई, दयालबाग को लेकर सवाल उठे थे। अब श्रीमती रूपनदेवी आईटीआई, बल्हैरा, बाबा साहेब आईटीआई और विनायक आईटीआई कॉलेज, अर्जुन नगर के नाम भी परीक्षा केंद्रों की सूची में शामिल हैं, जबकि ये संस्थान जमीन पर संचालित ही नहीं हैं। गुगल मैप पर सालासर आईटीआई दयालबाग में है। जहां पर बलूनी स्कूल चल रहा है। भौतिक सत्यापन के बाद भी संस्थान धरातल पर मौजूद ही नहीं है। वहां छात्र पेपर कैसे दे रहे हैं। एडमिट कार्ड में भी इन केंद्रों के नाम हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब परीक्षा केंद्र ही नहीं है तो छात्र पेपर कहां दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में आईटीआई बल्केश्वर के बाहर धरना-प्रदर्शन कर फर्जी संस्थानों की जांच की मांग उठाई थी। प्रशासन ने संज्ञान लिया था और एसीएम तृतीय ने भौतिक सत्यापन कर पाया था कि सालासर आईटीआई धरातल पर मौजूद ही नहीं है। जिससे फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई थी। इसके बाद भी जांच आगे नहीं बढ़ी। राष्ट्रीय छात्र परिषद ने मांग की है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए स्वतंत्र कमेटी गठित कर सभी घोषित परीक्षा केंद्रों का दोबारा भौतिक सत्यापन कराया जाए। साथ ही जिन अधिकारियों और संस्थानों की भूमिका संदिग्ध पाई जाए, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जांच के आधार पर होगी कार्रवाई
जेडी आईटीआई डॉ.संजय सागर ने बताया कि भौतिक सत्यापन कॉलेजों का किया जा रहा है। जिनके खिलाफ भी जांच की आवश्यकता है। जांच होगी और उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी। कॉलेज को डी एफीलिएट भी किया जाएगा।
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