सुल्तानपुर में कांग्रेस नेता और नगर पालिका के पूर्व प्रत्याशी वरुण मिश्रा ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए ‘एसआईआर’ (SIR) प्रक्रिया लेकर आई है। मिश्रा ने भर्ती प्रक्रिया में आधार कार्ड की अनिवार्यता पर भी सवाल उठाए। मिश्रा ने ‘एसआईआर’ प्रक्रिया को आम आदमी को परेशान करने वाला बताया। उन्होंने दावा किया कि सरकार के दबाव के कारण बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सवाल किया कि जब हर चुनाव में मतदाता पुनरीक्षण होता है, तो ‘एसआईआर’ की क्या आवश्यकता है। कांग्रेस नेता के अनुसार, ‘एसआईआर’ का उपयोग केवल उन मतदाताओं को चिन्हित करने और उनके नाम मतदाता सूची से हटाने के लिए किया जा रहा है, जिन्हें सरकार हटाना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपनी मनमानी करती है। आधार कार्ड के मुद्दे पर वरुण मिश्रा ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार पहले आधार कार्ड को पहचान के लिए अनिवार्य करती है, फिर उसकी उपयोगिता पर ही सवाल उठाती है। मिश्रा ने पूछा कि जब सरकार खुद आधार कार्ड की उपयोगिता को ‘निरर्थक’ साबित कर रही है, तो इसे बनवाया क्यों गया और हर भर्ती प्रक्रिया में इसे मान्य क्यों किया गया। मिश्रा ने आरोप लगाया कि ‘एसआईआर’ को विशेष रूप से इसलिए लाया गया है ताकि महंगाई, बेरोजगारी और सरकार की आंतरिक नीतियों पर कोई चर्चा न हो सके। उन्होंने पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा ने हमेशा अपनी इच्छानुसार काम किया है। मंत्री ओपी राजभर के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मिश्रा ने कहा कि वह उन्हें गंभीरता से नहीं लेते, और न ही पूरा प्रदेश उन्हें गंभीरता से लेता है। मिश्रा ने राजभर के उस बयान की कड़ी निंदा की, जिसमें उन्होंने एक मृतक व्यक्ति के बारे में कहा था कि उसने अपनी पत्नी से परेशान होकर आत्महत्या की थी, जबकि मृतक के भाई और पत्नी ने अलग बयान दिए थे। मिश्रा ने इसे मंत्री का ‘घटिया बयान’ बताया।
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