कासगंज में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ भाजपा कार्यालय का घेराव करने का प्रयास किया। पुलिस ने उन्हें सोरों गेट पर रोक दिया, जिसके बाद वे वहीं धरने पर बैठ गए। बाद में तहसीलदार से बातचीत के बाद कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए वापस लौट गए। यह प्रदर्शन कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर आयोजित किया गया था। नेशनल हेराल्ड मामले में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को न्यायालय द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के बाद, कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में भाजपा कार्यालयों का घेराव करने का कार्यक्रम तय किया था। कासगंज में कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज पांडे के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता नदरई गेट कांग्रेस के पार्टी कार्यालय से सोरों रोड पर स्थित भाजपा कार्यालय का घेराव करने नारेवाजी के साथ निकले थे। हालांकि, कासगंज कोतवाली पुलिस ने उन्हें सोरों गेट स्थित पुलिस चौकी के सामने रोक लिया। इससे नाराज होकर कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता सोरों गेट चौकी के सामने ही ही धरने पर बैठ गए और भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। वहीं सूचना मिलने पर कासगंज के तहसीलदार बलबंत उपाध्याय मौके पर पहुंचे और कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज पांडे से बातचीत की। और बातचीत से सहमति बनने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय का बिना घेराव किए बापस लौट गए। वहीं, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज पांडे ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लगातार कांग्रेस के नेताओं को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कथित तौर पर परेशान किया गया था, जबकि न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को खारिज कर दिया है। मनोज पांडे ने कहा कि यह भाजपा की कार्यवाही राजनैतिक दोषभावना के चलते कांग्रेस नेताओं की छवि धूमिल करने के प्रयासों के विरोध में किया जा रहा था। उन्होंने पुलिस द्वारा रोके जाने को लोकतंत्र के लिए घातक बताया।
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