अमेठी के शुकुल बाजार स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में हुए विवाद के बाद आज एक तीन सदस्यीय जांच टीम विद्यालय पहुंचेगी। यह टीम बीएसए द्वारा गठित की गई है। विवाद के बाद तीन दिन बंद रहने के बाद शनिवार को जब विद्यालय खुला, तो छात्राओं की उपस्थिति बेहद कम रही। दोपहर एक बजे तक केवल 12 छात्राएं पहुंचीं, और रविवार शाम तक यह संख्या 22 तक ही पहुंच सकी। इससे स्पष्ट होता है कि छात्राओं में घटना को लेकर अब भी दहशत व्याप्त है। विद्यालय में स्थानांतरित की गई शिक्षिकाओं अल्पना श्रीवास्तव और सुमन द्विवेदी ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है, जबकि शमा परवीन ने अब तक चार्ज नहीं लिया है। विद्यालय में कुल सौ छात्राएं पंजीकृत हैं। बीईओ शैलेंद्र शुक्ल और उनकी टीम अभिभावकों से लगातार संपर्क कर छात्राओं को विद्यालय भेजने की अपील कर रहे हैं। स्टाफ में अंशकालिक शिक्षिका प्रेम कुमारी, चौकीदार विजय कुमार, मुख्य रसोईया गीता सिंह, सहायक रसोईया जनक दुलारी और माधुरी देवी नियमित रूप से उपस्थित रहीं। छात्राओं की सुरक्षा के लिए पीआरडी जवान लक्ष्मी कांत तिवारी तैनात किए गए हैं। छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए बीईओ ने आसपास के परिषदीय विद्यालयों की तीन शिक्षिकाओं रंजीता कुमारी, मंजू देवी और संतोष कुमारी की ड्यूटी भी यहां लगाई है। जिलाधिकारी के निर्देश पर बीएसए संजय तिवारी ने नायब तहसीलदार नम्रता मिश्रा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। इसमें बीईओ पूजा सिंह, ममता सरकार और शिवकुमार यादव शामिल हैं। घटना के तीसरे दिन नायब तहसीलदार नम्रता मिश्रा पुलिस प्रशासन के साथ विद्यालय पहुंचीं। उनकी मौजूदगी में सील किए गए अभिलेख, सीसीटीवी कक्ष और डीवीआर खोला गया। पुलिस ने अभिलेख और डीवीआर अपने कब्जे में लेकर जांच आगे बढ़ा दी है। शिक्षा विभाग और पुलिस आरोपित शिक्षिकाओं पर लगे प्रताड़ना के आरोपों की जांच कर आगे उचित कार्रवाई करेंगे।
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