अयोध्या में सोमवार शाम को कर्नाटक से प्रभु श्रीराम की रत्नजड़ित प्रतिमा पहुंची। प्रतिमा 10 फिट ऊंची और 8 फिट चौड़ी है। इसमें सोना, चांदी और हीरा लगा हुआ है। इसका निर्माण दक्षिण भारत की शिल्पकला से किया गया है। राम जन्मभूमि से जुड़े ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि ये प्रतिमा किसने भेजी है। अभी इसका पता नहीं चल पाया है। इसका वजन कराया जा रहा है। डिटेल मिलते ही जानकारी शेयर की जाएगी। इस प्रतिमा को संत तुलसीदास मंदिर के पास अंगद टीला पर स्थापित किए जाने पर विचार किया जा रहा है। इसकी स्थापना से पहले इसका अनावरण किया जाएगा। अनावरण के बाद प्राण-प्रतिष्ठा समारोह होगा। जिसमें देशभर के संतों और महंतों को बुलाया जाएगा। अनुमानित कीमत 25 से 30 करोड़ रुपए
राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों के अनुसार, अयोध्या में कर्नाटक से लाई गई भगवान श्रीराम की भव्य प्रतिमा सोने, हीरे और बहुमूल्य रत्नों से निर्मित की गई है। इस प्रतिमा का वजन लगभग पांच कुंतल बताया जा रहा है। भेजने वाले का नाम अभी सामने नहीं आया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसकी कीमत 25 से 30 करोड़ रुपए हो सकती है। स्पेशल वैन से 6 दिन में आई है
कर्नाटक से अयोध्या तक 1750 किमी का सफर पूरा किया। स्पेशल वैन से लाई गई। 5 से 6 दिन लगे। मंगलवार की शाम को 3:30 बजे पहुंची। परिसर में ही इसे खोला गया है। सूत्रों के मुताबिक, इस प्रतिमा को कर्नाटक के कुछ श्रद्धालुओं ने संयुक्त रूप से तैयार कराया है। निर्माण कार्य में तंजावुर के कुशल और अनुभवी कारीगरों की अहम भूमिका रही है, जिन्होंने इसे अत्यंत कलात्मक और आकर्षक स्वरूप प्रदान किया है। प्रतिमा रत्न और स्वर्ण जड़ित है। धातु का पता नहीं चल सका है। बताया जा रहा है कि यह प्रतिमा राम जन्मभूमि में प्रतिष्ठापित रामलला की नवनिर्मित मूर्ति की हूबहू प्रतिकृति है। इसमें सोने के साथ ही हीरा, पन्ना, नीलम जैसे बहुमूल्य पत्थरों का प्रयोग किया गया है, जिससे इसकी भव्यता और आध्यात्मिक गरिमा और भी बढ़ गई है।
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