ग्राम पंचायतों में प्रधानों का चुनाव होने के बाद से शपथ ग्रहण के बीच प्रशासकों द्वारा निकाले गए करोड़ों रुपये को लेकर गोरखपुर के आरटीआई कार्यकर्ता संजय मिश्र ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अनियमितता का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रदेश के सभी जिलों से करोड़ों में धनराशि निकाली गई। उनका कहना है कि इन 20 दिनों में लगभग 650 करोड़ रुपये पूरे प्रदेश में निकाले गए। इसकी शिकायत करने के बाद भी जांच नहीं हो रही है। जांच की मांग को लेकर संजय 6 दिसंबर से ध्यानाकर्षण पदयात्रा निकाल रहे हैं। यह पदयात्रा गोरखपुर में टाउनहाल स्थित गांधी प्रतिमा से शुरू होकर लखनऊ हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर संपन्न होगी। संजय मिश्र का कहना है कि जिन 20 दिनों में पैसे निकाले गए हैं, उस दौरान प्रधानों का चुनाव हो चुका था इसलिए यह धनराशि निकालने का अधिकार प्रशासकों के पास नहीं था। उन्होंने बताया कि इस बात की शिकायत वह कई बार कर चुके हैं लेकिन जांच नहीं की जा रही है। 2024 में इस मामले में निदेशक पंचायती राज की ओर से जांच के लिए निर्देश भी दिए गए थे। लेकिन डेढ़ साल बाद भी इस निर्देश का पालन नहीं किया गया। जांच शुरू न होने पर दो बार और निदेशक पंचायती राज की ओर से पत्र लिखा गया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। संजय मिश्र का आरोप है कि गांवों में युवा कल्याण विभाग की ओर से मानक के विपरीत खेल सामग्री खरीदी गई। यह खरीद 2019-20 में हुई थी। इसकी शिकायत भी की गई लेकिन जांच नहीं हुई। शुरू में 7 सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच के लिए कहा गया था। संजय का दावा है कि 17 जून 2020 को गोरखपुर के तत्कालीन जिला युवा कल्याण अधिकारी ने पत्र लिखकर महानिदेशक को अवगत कराया था कि एक फर्म की ओर से खरीदी गई खेल सामग्री खराब है। दो साल बाद इस मामले में एक जांच रिपोर्ट दी गई। जिसपर संजय मिश्र की ओर से आपत्ति की गई है।
संजय मिश्र ने बताया कि लखनऊ पहुंचने में लगभग 25 दिन का समय लगेगा। रोज 10 से 15 किमी की यात्रा करेंगे।
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