उन्नाव के यूट्यूबर अनुराग द्विवेदी पर ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने कार्रवाई की है। ED ने अनुराग की 4 लग्जरी गाड़ियां जब्त कर लीं। बैंक खातों को फ्रीज कर दिया। इन खातों में 3 करोड़ रुपए से ज्यादा थे। अनुराग इस वक्त दुबई में है। ED उससे पूछताछ की तैयारी में है। अपने खिलाफ हो रही कार्रवाई को लेकर अनुराग का कहना है- जो कुछ हो रहा, वह सही नहीं है। हमने अपनी मेहनत से पैसा कमाया है। आखिर अनुराग ने 6 साल में ही इतनी कमाई कैसे कर ली? क्या यूट्यूब से ही इतना कमाया कि 8 लग्जरी गाड़ियां खरीद लीं? उन्नाव से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक जमीनों में निवेश किया? आखिर कौन से गेमिंग ऐप पर अनुराग लोगों को टीम बनाने की सलाह देता था। जहां लोग हजारों रुपए हारते-जीतते थे और खुद लाखों रुपए कमाता था? दैनिक भास्कर की टीम ने अनुराग के यूट्यूब और गेमिंग ऐप को लेकर जानकारी जुटाई। आइए सब कुछ एक तरफ से जानते हैं… दोस्त के फोन से टीम बनाई और हार गया
अनुराग का घर उन्नाव जिले के खजूर गांव में है। यह गांव नवाबगंज कस्बे से करीब 3 किलोमीटर दूर है। अनुराग के पिता लक्ष्मीनाथ द्विवेदी इसी नवाबगंज में पिछले 20 साल से मेडिकल स्टोर चला रहे हैं। अनुराग ने शुरुआत के कुछ साल नवाबगंज में पढ़ाई की। लेकिन, बाद में लखनऊ के CMS में पढ़ने लगा। 9वीं में पढ़ाई छोड़ दी। फिर उन्नाव के ही एक स्कूल में एडमिशन करवाया, लेकिन 10वीं की परीक्षा नहीं दी। इसके बाद उसने और पढ़ाई को हमेशा के लिए छोड़ दी। अनुराग के गांव के लोग सामने आने से बचते हैं। नवाबगंज कस्बे में कुछ लोग कहते हैं, अनुराग का दिमाग तेज था, लेकिन मन पढ़ाई में नहीं लगता था। उसका इंट्रेस्ट क्रिकेट में ज्यादा था। मोबाइल में वीडियो देखने और उसकी एक्टिंग करने में भी मन लगता था। कम उम्र में ही क्रिकेट को लेकर उसने अच्छी-खासी जानकारी इकट्ठा कर ली थी। अनुराग के ही एक दोस्त के मुताबिक, उसने पहली बार 19 मार्च, 2016 को टी-20 वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान के मैच में दूसरे के फोन से फैंटेसी ऐप ड्रीम-11 पर टीम बनाई थी। यह मैच भारत जीता था। हालांकि, अनुराग उस मैच में कोई पैसा नहीं जीता था। अनुराग ने 2017 के आईपीएल के दौरान घर में बिना बताए जे-7 प्राइम फोन खरीद लिया था। ये फोन उस वक्त करीब 1800 रुपए का था। IPL के आखिरी 6 मैचों में करीब 300 रुपए की टीम बनाई। दावा किया कि इससे साढ़े 3 लाख रुपए कमाए। उस वक्त उसकी टीम का नाम डीजे इलेवन था। लोगों को फैंटेसी ऐप पर टीम बनाने की ट्रेनिंग
अनुराग ने जिस वक्त ड्रीम इलेवन पर टीम बनाई थी, उस वक्त उसका पैन कार्ड नहीं बना था। उसने फैंटेसी ऐप पर पैसा लगाने और निकालने के लिए अपने पिता के पैन कार्ड का इस्तेमाल किया। 2016 में अनुराग ने पहला यूट्यूब चैनल बनाया था, लेकिन वह कुछ दिन चलने के बाद सस्पेंड हो गया। इसके बाद उसने 2017 में एक और चैनल बनाया। इसका नाम ड्रीम-11 चैंपियंस के नाम से रखा। लोगों को मैच से पहले प्रिडिक्शन देता था कि पिच के मुताबिक आज ये-ये खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इन्हें टीम में लिया जा सकता है। अनुराग के इस चैनल पर व्यूज हजारों में आ रहे थे। अनुराग ने इसे ही अपना प्रोफेशन बना लिया। उसने उन्नाव में ही ड्रीम-11 चैंपियंस के नाम से ऑफिस खोलने का फैसला किया। जिस दिन ऑफिस का उद्घाटन था, उसी दिन कॉपी राइट के चलते चैनल ही सस्पेंड हो गया। इसके चलते ऑफिस भी नहीं चल पाया। 2018 में अनुराग ने एक नया चैनल बनाया। इस चैनल का नाम अनुराग द्विवेदी रखा। इस वक्त जो चैनल है, वह यही है। अनुराग ने इसी चैनल पर वीडियो बनाने शुरू किए। अनुराग का दावा- अमृतसर जाने के बाद चैनल चल पड़ा
अनुराग इस वक्त दुबई में है। हमने फोन पर अनुराग से उसके मौजूदा चैनल को लेकर बात की। वह कहता है- 2018 में इस चैनल को बनाया था, लेकिन उस वक्त चैनल नहीं चल रहा था। किसी पर 100 तो किसी पर हजार व्यूज आते थे। कोई वीडियो वायरल नहीं हो रहा था। 1 जनवरी, 2019 को मैं पंजाब के अमृतसर गया। वहां स्वर्ण मंदिर में गया। इसके बाद वहां से आया तो चैनल चल पड़ा। जो भी वीडियो डालता, उस पर हजारों और लाखों में व्यूज आने लगे। अनुराग ने 25 फरवरी, 2019 को फाइनेंस पर डिजायर कार खरीद ली। 23 मार्च से आईपीएल की शुरुआत हुई। अनुराग ने हर दिन वीडियो बनाए, लाइव सेशन किया। लोग अनुराग के बताए खिलाड़ियों को लेकर अलग-अलग फैंटेसी ऐप पर टीम बनाने लगे। जिनका फायदा होता वह अनुराग की जय करते, जिनका नुकसान होता वह अगली बार जीतने के लिए लग जाते थे। अनुराग फैंटेसी कंपनियों से जुड़ गया
2019 में अनुराग ने यूट्यूब पर अपना नाम बना लिया। चैनल के थंब-नेल (कवर पर दिखने वाले फोटो) में कभी 75 लाख तो कभी 50 लाख रुपए जीतने का दावा करता। लोगों को जिताने का भी दावा करता। कुछ वक्त के बाद अनुराग अपने ही चैनल पर गिवअवे (Giveaway) करवाने लगा। इसका मतलब है कि आप पैसा लगाइए, सही जवाब देने पर आपको दोगुना पैसा दिया जाएगा। लोगों ने 100 रुपए से लेकर 2 हजार रुपए तक लगाए। जो जीते, उनके पास मैसेज भी आया कि आप जीत गए हैं। लेकिन, जब वह पैसे के लिए क्लेम करते तो पैसा नहीं मिलता था। अनुराग ने इसके बाद कुछ फैंटेसी कंपनियों को प्रमोट करना शुरू कर दिया। वह जो भी वीडियो बनाता, उसके कमेंट में संबंधित फैंटेसी कंपनियों का लिंक डाल देता था। इसमें हाउजैट, विजन- 11, बैटबॉल- 11, प्रोबो जैसी कंपनियां थीं। इनमें कई कंपनियां ऐसी थीं, जो विश्वसनीय नहीं थीं। उन पर गेम खेलने के लिए 1 से 2 हजार रुपए तक बोनस मिलता था। अनुराग इन ऐप्स पर गेम खेलने को लेकर प्रमोट करता था। कम पैसे लगाने वाले तो यहां जीत जाते थे, लेकिन जैसे ही वो बड़ी रकम लगाते थे, हार जाते थे। गेमिंग कंपनियों ने अनुराग को ब्रांड एम्बेसडर बनाया
अनुराग यूट्यूब के साथ इंस्टाग्राम और X प्लेटफॉर्म पर भी चर्चित हो गया। उसके प्रिडिक्शन और स्किल को देखकर कंपनियां उससे जुड़ने लगीं। विजन1 11 फैंटेसी कंपनी ने अनुराग को अपने साथ जोड़ लिया। कंपनी जो विज्ञापन बनाती थी, उसमें अनुराग नजर आता था। 2020-21 से अनुराग दुबई समेत दुनिया के अलग-अलग देशों मे जाने लगा। अनुराग को Sportspad ने अपना ब्रांड एंबेसडर बना लिया। यह कंपनी भी फैंटेसी टीम बनवाती है और करोड़ों रुपए जीतने का दावा करती। अनुराग जिन फैंटेसी ऐप का प्रमोशन करता था, उसमें कोई जीत भी जाता था, तब भी उसका पैसा फंस जाता था। अनुराग के ही पोस्ट पर रोहित नाम के यूजर ने लिखा, ‘आपके ऊपर विश्वास करके विन अड्डा पर खेला। मैं जीत गया, लेकिन मेरा पैसा फंस गया। पहले 48 से 72 घंटे वेट करने को कहा गया और बाद में ब्लॉक करने की बात कही जा रही है। आपने कहा था कि विन अड्डा की जिम्मेदारी मेरी रहेगी, लेकिन कोई मदद नहीं हुई।’ चैनल से 3 हजार से ज्यादा वीडियो हटाए
अनुराग की बदली लाइफस्टाइल और लग्जरी गाड़ियों ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा। सरकारी जांच एजेंसियां भी लगीं, आखिर कैसे इतना पैसा कमाया जा रहा? इस साल आईपीएल के फाइनल वाले दिन भी अनुराग से जुड़े एक मामले की जांच हुई थी। उस वक्त एजेंसियों ने छापेमारी जैसी कार्रवाई नहीं की थी, लेकिन वह निशाने पर आ गया था। अनुराग ने 2019 से अपने चैनल पर जो भी वीडियो बनाए, उनमें तमाम बेटिंग ऐप का प्रचार था और लोगों से पैसे लगवाने की अपील थी। अनुराग ने सारे के सारे वीडियो डिलीट कर दिए। अब इस चैनल पर सिर्फ 10 वीडियो ही नजर आते हैं। ये वीडियो भी सिर्फ 3 महीने पुराने हैं। मतलब, उसके पहले का कोई भी वीडियो अब अनुराग के चैनल पर नहीं है। इंस्टाग्राम से भी बहुत सारी पोस्ट को अनुराग ने हटा दिया है। हटाने के सवाल पर अनुराग ने कहा- बहुत सारे गैंग मेरे पीछे पड़ गए थे। वो फेक कॉपी राइट स्ट्राइक मार रह थे। चैनल बचाने के लिए हमें वीडियो डिलीट करना पड़ा। हालांकि अनुराग का यह तर्क उचित नहीं लगता। क्योंकि, एक साथ सारे वीडियो पर कॉपी राइट आए, ऐसा संभव नहीं दिखता। ED ने अपनी कार्रवाई के बाद एक प्रेस नोट जारी किया। बताया कि अनुराग के उन्नाव, लखनऊ और दिल्ली समेत 10 ठिकानों पर छापेमारी की गई। उससे जुड़े बैंक खातों को फ्रीज किया गया। इसमें करीब 3 करोड़ रुपए हैं। घर से 20 लाख रुपए मिले हैं। 4 करोड़ 18 लाख की लेंबोरगिनी समेत चार लग्जरी गाड़ियां जब्त की गईं। अवैध सट्टेबाजी से कमाए पैसे को हवाला के जरिए विदेश भेजने और दुबई में रियल स्टेट में निवेश करने को लेकर भी सबूत मिले हैं। ————————— ये खबर भी पढ़ें… उन्नाव का करोड़पति यूट्यूबर सिर्फ 9वीं तक पढ़ा, 5 साल में 8 गाड़ियां खरीदीं उन्नाव का यूट्यूबर अनुराग द्विवेदी। इस वक्त यूपी समेत देशभर में इसी नाम की चर्चा है। वजह- ईडी की छापेमारी में करोड़ों की संपत्ति का मिलना। ईडी ने अनुराग से जुड़ी 10 जगहों पर एक साथ छापेमारी की। खाते के 3 करोड़ कैश फ्रीज कर दिए। 4 लग्जरी गाड़ियां जब्त कर लीं। घर से मिला 20 लाख कैश अपने साथ ले गए। दुबई में रियल स्टेट में किए गए निवेश संबंधी कागज की भी पड़ताल की। ये सब जब हो रहा था, तब दुबई में बैठे अनुराग ने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘जिन्हें इतना टैक्स दिया, आज देखा, हर तरफ वही तलवार और भाला लेकर खड़े हैं।’ आखिर अनुराग इतनी जल्दी इतना पैसेवाला कैसे बन गया? कहां पढ़ाई की, कितना पढ़ा? इतना पैसा कमाने के बाद गांव में क्या कुछ किया? गांव के लोग क्या कहते हैं? पढ़ें पूरी खबर
https://ift.tt/wSB3tJW
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply