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करोड़पति बनाने का सपना दिखा 50 करोड़ की ठगी:5 स्टार होटल में मीटिंग कर वेबसाइट पर मुनाफा दिखाते, रकम नहीं निकालने देते

मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) के जरिए करोड़ों रुपए कमाने का सपना दिखाकर लोगों को ठगने वाले गिरोह के सरगना को आगरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसने 50 करोड़ की ठगी की है। लंबे समय तक कई एमएलएम कंपनियों में काम किया। वहां से उसको लोगों को निवेश के नाम पर फंसाकर ठगने का आइडिया आया। इस बार उसने भोले-भाले लोगों को क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर ठगा। बाकायदा आगरा के 5 स्टार होटल में सेमिनार किए। गरीब लोगों को रातों-रात अमीर बनाने का सपना दिखाया। बंगला-कार दिलाने के सपने दिखाए थे। जब वह पकड़ा गया तो करीब दो दर्जन लोग थाने पहुंच गए। एडीसीपी सिटी आदित्यकुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि एक फर्जी क्रिप्टो वेबसाइट www.actcoin.biz के जरिए लोगों को इन्वेस्ट के नाम पर 50 करोड़ की धोखाधड़ी की गई है। 15 अप्रैल 2024 को साइबर थाने में एक पीड़ित ने एफआईआर दर्ज कराई। जब मामले की विवेचना की गई तो कई पीड़ित सामने आए। इस धोखाधड़ी का मुख्य आरोपी अजय उर्फ टीपू हाल निवासी गाजियाबाद व मूल निवासी अलीगढ़ को गिरफ्तार किया गया। ठगी कैसे की, विस्तार से जानिए… पुलिस टीम ने पूछताछ की तो अजय ने बताया कि वह वर्ष 2002 से एक कंपनी में डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर काम कर रहा था। वहां उसकी मुलाकात नरेन्द्र से हुई। कुछ समय पर एक अन्य कम्पनी में काम करने लगा। वहां उसकी मुलाकात गोपाल से हुई। गोपाल ने अजय को विनय व विनोद से मिलाया। गोपाल ने अजय को बताया कि विनोद स्वामी क्रिप्टो से सम्बन्धित एक कम्पनी में रहा है। वो ऐसी ही एक कंपनी बनाएंगे, जिसमे वह लोग रेफरल कोड के माध्यम से लोगों का पैसा इन्वेस्ट कराकर काम करायेगें। एक चेन सिस्टम के माध्यम से काम करेंगे। उसका सर्वर उन लोगों के पास होगा जिसमे वे जो भी चाहेंगे लोगों को वही दिखायी देगा। लोगों के रुपए को क्रिप्टो में इन्वेस्ट दिखाकर वेबसाइट पर उन्हें लाभ दिखाते रहेंगे, जिससे लोग आकर्षित होकर अधिक से अधिक पैसा इन्वेस्ट करेंगे। इसके बाद सभी ने मिलकर एक फर्जी मेल का निर्माण किया और वेबसाइट को डोमेन पर ऑनलाइन करने के लिए नोएडा की कम्पनी के माध्यम से डवलप किया गया। वेब कम्पनी से सम्पर्क कर सर्वर होस्टिंग लिया जिसका पैसा विनय ने दिया था जिसका यूजर नेम अस्स्वैप था। इन्फ्लुएंसर के तौर पर नरेन्द्र सिसौदिया, शुभम सिसौदिया और अभियुक्त को भी नियुक्त किया गया व होटलों में सेमिनार आयोजित कर लोगों को अपने काम में इन्वेस्टमेंट करने के लिए मोटिवेट करते थे। आगरा के 1500 लोगों को ठगा इनके द्वारा लोगों को महंगी गाडी आदि का आश्वासन देकर रेफरेल कोड के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को वेबसाइट से जोड़ा जाता था। अजय ने अपनी आईडी से करीब 1500 लोगों को जोड दिया। उसे करीब 1 करोड़ रुपए मिले। वह लोगों को 01 लाख रुपये लगाने पर 07 लाख रुपये मिलने का आश्वासन देकर इंवेस्टमेंट कराते थे। लोगों को अपने पैसें निकालने का कोई एक्सेस नही था। ये ज्वाइनिंग किट के रूप में लोगों को कंपनी के नाम के कपड़े बेचते थे। परेशान होकर महिला ने खुदकुशी कर ली आरोपी अजय के गिरफ्तार होने पर साइबर थाना के बाहर लोगों का मजमा लग गया। सबका हाल एक जैसा था। चार वर्ष पहले लालच में अपनी जमापूंजी खोई और अपने परिचितों को भी ठगी का शिकार बना दिया। रोजाना परिचित उन्हें टोकते थे। कुर्रा चितरपुर की बबली ने बताया कि वह महिला समूह चलाती थीं, उन्होंने अपने और परिचितों के 10 लाख रुपये निवेश कराए थे। अभी तक लोग उनसे रकम का तकादा करते हैं। उनकी बहन साधना ने भी 10 लाख रुपये जमा किए थे। रकम डूबने पर पति और रिश्तेदारों के तानों से इतना परेशान हो गईं कि उसने जान दे दी। सरस्वती ने बताया कि बेटी की शादी के लिए जमा किए 1.53 हजार डूबने का दर्द आज भी है। सुनयना ने बताया कि पूरे समूह की महिलाएं आरोपियों का शिकार बनी हैं। उनके अकेले नौ लाख हैं। करौना कला की सुनीता ने 15 लाख रुपये जमा कराए थे। ऐसे कई पीड़ितों को आस है कि आरोपियों की संपत्ति कुर्क कर उनकी रकम लौटाई जाएगी। निवेश कराने वालों की जांच होगी एडीसीपी सिटी ने बताया कि मामले में पुलिस को कई वीडियो मिले हैं। इनमें स्थानीय लोग जो खुद को पीड़ित बता रहे हैं, वही लोगों को अमीर होने का लालच देकर निवेश के लिए प्रोत्साहित करते थे। पुलिस जांच कर रही है कि वह पीड़ित हैं या फिर वह भी लोगों को ठगने में आरोपियों का साथ दे रहे थे। सर्वर और डोमेन से आरोपी तक पुलिस पहुंची पुलिस ठगी के बाद आरोपियों के भूमिगत हो जाने से पुलिस को उनके बारे में जानकारी नहीं मिल रही थी। उनके सर्वर भी विदेश से लिए गए थे पर काम भारत में हो रहा था। पुलिस ने सर्वर और डोमेन के जरिये वेबसाइट अपडेट करने वालों तक पहुंची तो आरोपी के बारे में पता चल पाया। 43 लोगों ने दर्ज कराई थी शिकायत शिकायतकर्ता ठगी की रकम (रुपये में) 1. देवेंद्र कुमार– 50,00,000 2. मानसिंह – 2,00,000 3. मनमीत – 1,25,000 4. लोकेश गौड़ – 1,25,000 5. राजन सिंह – 1,40,000 6. मुनिता सिंह – 5,00,000 7. विक्रम सिंह – 7,00,000 8. पुष्पेंद्र सिंह – 50,00,000 9. लेखराज सिंह – 1,50,000 10. राघवेंद्र – 25,000 11. ओमकार सिंह – 1,00,000 12. भवेश्वर सिंह– 9,00,000 13. दीपक श्रीवास्तव सिंह – 3,00,000 14. इंद्रजीत सिंह पुत्र जयवीर – 3,00,000 15. रवि कुमार सिंह – 5,00,000 16. इंद्रजीत सिंह पुत्र ओमवीर– 5,00,000 17. निर्मल सिंह – 9,00,000 18. रवींद्र सिंह – 5,00,000 19. हरीओम सिंह – 3,50,000 20. देवकी – 3,50,000 21. विशाल– 2,00,000 22. साविता – 5,00,000 23. विनय – 4,00,000 24. साधना – 2,75,000 25. सतीश चंद्र – 50,000 26. विनोद – 2,00,000 27. अजय कुमार अमयाला – 4,50,000 28. मनमोहन सिंह – 3,00,000 29. रामरतन – 1,50,000 30. देवेंद्र सिंह – 2,50,000 31. ललित सिंह – 1,50,000 32. राजमती – 1,60,000 33. शिव सिंह – 3,50,000 34. दीपक त्यागी – 2,00,000 35. वेदांत – 2,00,000 36. रघुवीर – 7,00,000 37. अविनाश – 3,50,000 38. नितीश लोध – 1,50,000 39. अवतार सिंह – 8,00,000 40. शीलेंद्र – 1,00,000 41. मनमोहन सिंह – 5,00,000 रुपये।


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