मथुरा में क्षत्रिय करणी सेना ने शुक्रवार को जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में बांग्लादेश में दीपू दास और अमृत मंडल की निर्मम हत्या तथा वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों पर गहरा रोष व्यक्त किया गया। करणी सेना के पदाधिकारियों ने कहा कि बांग्लादेश में लगातार सामने आ रही हिंसक घटनाएं मानवता, लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों पर गंभीर आघात हैं। इन घटनाओं से न केवल भारतवासियों की भावनाएं आहत हुई हैं, बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति और सुरक्षा पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है। संगठन ने इन हत्याओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए दोषियों को कठोरतम दंड दिलाने की मांग की। ज्ञापन में भारत सरकार से आग्रह किया गया कि वह बांग्लादेश सरकार पर कूटनीतिक दबाव बनाकर दीपू दास और अमृत मंडल हत्याकांड की निष्पक्ष व त्वरित जांच कराए। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा प्रभावी ढंग से उठाया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके अतिरिक्त, करणी सेना ने मथुरा जिले में रह रहे अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और दस्तावेजी सत्यापन के लिए एक विशेष अभियान चलाने की मांग की। संगठन ने कहा कि जिन व्यक्तियों का भारत में निवास अवैध पाया जाए, उनके खिलाफ प्रचलित कानूनों के अनुसार वैधानिक कार्रवाई कर निर्वासन सुनिश्चित किया जाए। करणी सेना ने स्पष्ट किया कि यह ज्ञापन किसी धर्म या समुदाय के विरुद्ध नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य कानून के शासन, राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक सौहार्द और मानवाधिकारों की रक्षा करना है। संगठन ने जिला प्रशासन से शांति व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए पुलिस व खुफिया तंत्र के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की भी अपील की।
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