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कमिश्नर के सामने 14 महिलाओं ने रखीं गंभीर शिकायतें:पुलिस उत्पीड़न, अवैध कब्जा और राहत राशि में गड़बड़ी के आरोप

गोंडा के देवीपाटन मंडल मुख्यालय पर “मां पाटेश्वरी शक्ति संवाद” के तहत आयोजित विशेष महिला जनसुनवाई में 14 महिलाओं ने न्याय और समाधान की मांग की। जनसुनवाई की अध्यक्षता आयुक्त शशिभूषण लाल सुशील ने की। उन्होंने सभी मामलों को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित अधिकारियों को अधिकतम दो सप्ताह में निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। जनसुनवाई में कई गंभीर मुद्दे सामने आए। ग्राम मुण्डेरवा कला की बुजुर्ग पीड़िता राजपता देवी ने अपने अविवाहित पुत्र की तालाब में डूबने से हुई मृत्यु के बाद आपदा राहत राशि न मिलने की शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि लेखापाल और कानूनगो ने गलत रिपोर्ट लगाकर उनके मृत पुत्र को विवाहित दिखा दिया, जिससे उन्हें सहायता नहीं मिल सकी। बहराइच से आए एक दलित मजदूर दंपति ने सुजौली थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों पर गंभीर उत्पीड़न, मारपीट, जातिसूचक अपशब्दों का प्रयोग, 50 हजार रुपए की अवैध मांग और थाने में अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया। पीड़ित दंपती ने आरोपों की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बहराइच जिले के ग्राम आनन्दनगर बरखड़िया, थाना सुजौली की निवासी सीमादेवी ने मंडलायुक्त को प्रार्थना पत्र देकर विपक्षी पक्ष द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण को हटवाने की मांग की। उनके अनुसार, जिलाधिकारी बहराइच के आदेश पर 3 मीटर चौड़ा और 100 मीटर लंबा खड़ंजा मार्ग बनाया जा रहा था। सीमादेवी ने बताया कि विपक्षीगण जबरन रास्ते पर पक्का व फूस का निर्माण कर रहे हैं, जिससे रास्ता बाधित होने की आशंका है। पीड़िता का कहना है कि उन्होंने एसडीएम न्यायालय में वाद दायर किया है, लेकिन राजस्व लेखपाल ने विपक्षियों से मिलकर गलत रिपोर्ट लगाई। जिलाधिकारी द्वारा अवैध निर्माण रोकने का निर्देश होने के बावजूद, स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता के कारण निर्माण जारी रहा। सीमादेवी ने रास्ता मुक्त कराने और संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।


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