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कफ सिरप मामले में योगी सरकार ने SIT बनाई:DGP बोले-नशे में इस्तेमाल हो रहा; डिप्टी सीएम ने कहा- चाहे नेता हो, सब नपेंगे

कफ सिरप मामले में प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, FSDA सचिव रोशन जैकब और डीजीपी राजीव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। रोशन जैकब ने कहा- कोडीन कफ सिरप मामले में सरकार ने एसआईटी का गठन किया है। अब तक तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा- कोडीन कफ सिरप का इस्तेमाल बीमारी के लिए नहीं, बल्कि नशे के लिए कराया जा रहा है। वहीं जौनपुर में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि कफ सिरप मामले में जो दोषी होगा सब नपेंगे, चाहे नेता हो या कोई भी। कफ सिरप का इस्तेमाल बीमारी में नहीं हो रहा
रोशन जैकब ने कहा- सोशल मीडिया पर तथ्यहीन बातें चल रही हैं। इस मामले में जिला पुलिस ने भी एक्शन लिया है। 20 दिन पहले सोनभद्र में एक ट्रक कफ सिरप पकड़ा गया था। इसी एविडेंस के साथ रांची में एक ट्रक कफ सिरप की रिकवरी हुई। मध्य प्रदेश की घटना और कफ सिरप के इस केस में कोई कनेक्शन नहीं है। मामला ये है कि जब कलेक्शन और परचेस का कोई ब्योरा नहीं है और यूज हो रहा है। स्टाक भी है, यानी कफ सिरप का इस्तेमाल बीमारी के लिए नहीं हो रहा। इसपर एक्शन लिया गया है। सप्लाई के प्रमुख सोर्स पर जांच हुई और इसके बाद यूपी के 300 विक्रेताओं के खिलाफ जांच हुई और एक्शन लिया गया। हमारी मंशा छोटे रिटेलर नहीं, बल्कि बड़े व्यापारियों के चैनल तक पहुंचना था। राजीव कृष्ण ने कहा- कफ सिरप का नॉर्मल यूज के अलावा कहीं यूज होता है, तो वह कानूनी अपराध होता है। पिछले दो महीने से इस मामले में कई सबूत मिले हैं। कुल मिलाकर एफएसडीए ने 28 जिलों में 128 एफआईआर दर्ज की। इसमें बनारस में 38, जौनपुर-16, कानपुर में- 8, गाजीपुर में- 6, लखीमपुर- 4 और लखनऊ- 4 एफआईआर दर्ज हुई। फर्जी लाइसेंस वालों को बेची कफ सिरप
राजीव कृष्ण ने कहा- सीएम के आदेश पर पिछले 2 महीने में FSDA, पुलिस और एसटीएफ ने कोडीन युक्त कफ सिरप एवं एनडीपीएस श्रेणी की औषधियों के खिलाफ अभियान चलाया। दूसरे राज्यों की जांच में पाया गया कि उत्तर प्रदेश में भी कोडीन युक्त कफ सिरप की सप्लाई हो रही है। कई जिलों में भारी मात्रा में इसकी विक्री की गई। इनमें से कुछ प्रतिष्ठान एक ही व्यक्ति अथवा उनके सगे संबंधियों के नाम पर हैं। जांच में पता चला है कि इनके पास फर्जी लाइसेंस है। कुछ ऐसे भी हैं, जिनके लाइसेंस पहले ही निरस्त हो चुके हैं। इनको 1 से 3 लाख कोडीन युक्त कफ सिरप बोतल की भारी मात्रा में बिक्री की गई है। जिससे यह स्पष्ट है कि इन फर्जी व्यक्तियों ‌द्वारा कोडीन फॉस्फेट युक्त औषधियों (कफ सिरप) का इस्तेमाल बीमारी में नहीं, बल्कि नशे में रूप में कराया जा रहा था। जोकि एक संगठित अपराध की श्रेणी में आता है। औषधि विभाग ने प्रदेश के 279 मेडिकल स्टोरों की जांच कराई। जिसमें पाया गया कि कई मेडिकल स्टोर या फर्म अस्तित्व में ही नहीं हैं। जबकि कुछ में खरीद और बिक्री में तमाम गड़बड़ी पाई गई। उनके पास दवा खरीद और बिक्री का कोई रिकॉर्ड नहीं था। जिससे स्पष्ट हुआ कि इन फर्मों द्वारा संगठित रूप से इन दवाओं का इस्तेमाल दवा के रूप में नहीं, बल्कि नशे में रूप में कराया जा रहा है। लखनऊ, लखीमपुर खीरी, बहराइच से नेपाल और वाराणसी, गाजियाबाद आदि से बाग्लादेश में इसकी सप्लाई नशे के लिए हो रही है। अब पढ़िए कफ सिरप मामले में अब तक की कार्रवाई… सोनभद्र पुलिस सोनभद्र और गाजियाबाद पुलिस STF की कार्रवाई
यूपी एसटीएफ ने इस मामले में 9 आरोपियों धर्मेन्द्र कुमार विश्वकर्मा, पवन गुप्ता, शैलेन्द्र आर्या, विभोर राणा, विशाल सिंह, बिट्टू कुमार, सचिन कुमार, अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा और आलोक प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया है। लखनऊ जोन की कार्रवाई
लखनऊ जोन के विभिन्न जिलों में कुल 11 मामले दर्ज करते हुए 2 आरोपियों रुपम राय और दिवाकर सिंह को गिरफ्तार किया गया है। बरेली जोन की कार्रवाई
बरेली जोन के विभिन्न जिलों में कुल 4 मामले दर्ज करते हुए 2 आरोपियों अब्दुल कादिर और रहमान नूरी को गिरफ्तार किया गया। गोरखपुर जोन की कार्रवाई
गोरखपुर जोन के विभिन्न जिलों में कुल 10 मामले दर्ज करके 3 आरोपियों नीरज कुमार दीक्षित, अली सरीम मेकरानी और मोहम्मद आफताब को गिरफ्तार किया गया। जबकि 2 आरोपियों कल्पना और मोहम्मद असद को नोटिस भेजा गया। कमिश्नरेट वाराणसी की कार्रवाई
कमिश्नरेट वाराणसी के विभिन्न जिलों में कुल 2 मामले दर्ज करके 4 आरोपियों भोला प्रसाद जायसवाल, विशाल जायसवाल, बादल आर्या और आजाद सिंह को गिरफ्तार किया गया। ब्रजेश पाठक बोले- कफ सिरप मामले में सब नपेंगे जौनपुर में डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा- कफ सिरप का मामला बेहद गंभीर मुद्दा है। बच्चों की मौत को लेकर सरकार भी काफी परेशान है। इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच हो रही है। सरकार की निगरानी में पूरी प्रक्रिया चल रही है। हर पहलू की जांच हो रही है और दोषियों पर जल्द ही कार्रवाई दिखाई देगी। कफ सिरप मामले में जिन नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, उनकी जांच जारी है। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई निश्चिंत रूप से की जाएगी। इसमें जो भी दोषी होगा, चाहे कोई कितना भी बड़ा हो, बख्शा नहीं जाएगा। ———————- माफिया ने कफ सिरप का कारोबार पूर्वांचल शिफ्ट कराया:यूपी के 40 जिलों में 125 केस, 70 गिरफ्तारियां; किंगपिन पकड़ से दूर यूपी में कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध तस्करी की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। अब तक की जांच में सामने आया कि यह कारोबार पश्चिम से पूर्वांचल के जिलों में शिफ्ट हुआ है। माफिया की शह पर तेजी से फैला। अब तक 40 जिलों में 128 FIR दर्ज की गईं, करीब 70 गिरफ्तारियां हुईं। FSDA ने 229 लोगों को नोटिस जारी किया और 400 लाइसेंस रद्द किए। (पढ़ें पूरी खबर)


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