लखनऊ में अवैध कफ सिरप सिंडिकेट को लेकर जांच एजेंसियों ने बड़े खुलासे किए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य एजेंसियों की पूछताछ में सामने आया है कि इस नेटवर्क का दायरा देश से बाहर तक फैला हुआ था और कफ सिरप की सप्लाई विदेशों में भी की गई। जांच के दौरान आलोक सिंह और अमित सिंह उर्फ टाटा से पूछताछ की गई, जबकि विभोर राणा और विकास से हुई पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आईं। एजेंसियों के मुताबिक सिंडिकेट के मास्टरमाइंड शुभम और विकास नार्वे को पूरे नेटवर्क की जानकारी थी और उनके निर्देश पर अवैध कारोबार संचालित किया जा रहा था। हवाला के जरिए लेन-देन, फार्मा कंपनियों तक पहुंची रकम जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि विदेशों से आने वाली रकम हवाला के जरिए मंगाई जाती थी। इस पैसे का एक हिस्सा गुजरात की एक फार्मा कंपनी के संचालक को भेजा गया, जबकि मनोहरलाल को भी हवाला के माध्यम से बड़ी रकम ट्रांसफर की गई। ईडी ने मनोहरलाल को पूछताछ के लिए तलब किया था, लेकिन वह एजेंसी के सामने पेश नहीं हुआ। इसके बाद उसकी भूमिका को लेकर संदेह और गहराया है। खाड़ी देशों तक नेटवर्क, टेरर फंडिंग की आशंका एजेंसियों ने खाड़ी देशों के कई हवाला कारोबारियों की जानकारी भी जुटाई है। जांच में यह बात सामने आई है कि मोटी रकम भेजने वालों में कुछ इस्लामी संगठन भी शामिल हो सकते हैं, जिससे टेरर फंडिंग की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल एजेंसियां पूरे नेटवर्क की कड़ियों को जोड़ने में जुटी हैं और जल्द ही इस मामले में और गिरफ्तारियां व बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
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