कन्नौज में रोडवेज बस चालकों की मनमानी से लगने वाले जाम के स्थायी समाधान की तलाश शुरू हो गई है। इसी क्रम में बुधवार को जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने दल-बल के साथ पूर्वी बाईपास का निरीक्षण किया। डीएम आशुतोष मोहन अग्निहोत्री और एसपी बिनोद कुमार शहर के पूर्वी बाईपास पर पहुंचे। उनके साथ मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) आरके चौधरी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) इज्या तिवारी और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी श्यामेन्द्र मोहन चौधरी भी मौजूद थे। अधिकारियों ने पुराने ओवरब्रिज के पास खाली जगह का मुआयना किया। इसके बाद टीम जिला अस्पताल के नजदीक स्थित रोडवेज डिपो पहुंची। यहां कानपुर-लखनऊ की ओर से आने वाली बसों को रोकने के इंतजामों पर विचार किया गया। प्रस्तावित योजना के अनुसार, सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक कन्नौज डिपो की बसों के अतिरिक्त अन्य डिपो की बसों को शहर में प्रवेश नहीं मिलेगा। इन बसों को जिला अस्पताल के पास रोडवेज डिपो में ही रोका जाएगा। यात्री बसों से उतरने और चढ़ने के बाद बाईपास के रास्ते आगे बढ़ेंगी। शहर में प्रवेश करने के लिए यात्रियों को ऑटो और ई-रिक्शा का सहारा लेना होगा। इस व्यवस्था से सरायमीरा में रेलवे रोड से सदर तहसील तक बसों के कारण लगने वाले जाम से राहत मिलने की उम्मीद है। निरीक्षण के दौरान, एआरटीओ इज्या तिवारी ने डीएम आशुतोष मोहन से कहा कि जब वे ओवरलोडिंग वाले वाहनों को पकड़ते हैं, तो उन्हें डिपो में सुरक्षित खड़ा करवाते हैं। यदि बसों को भी यहीं रोका जाएगा, तो ओवरलोड वाहनों को खड़ा करने के लिए जगह की कमी हो सकती है। इस पर डीएम ने स्पष्ट किया कि ओवरलोड वाहनों को पकड़ने के बाद कन्नौज या ठठिया मंडी में खड़ा कराया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जाएगा।
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