कन्नौज के छिबरामऊ तहसील क्षेत्र के सरदामई गांव में 35 साल के लंबे इंतजार के बाद 200 किसानों को उनके भू-अभिलेख सौंप दिए गए हैं। वर्ष 1990 में हुए अग्निकांड में गांव के मूल राजस्व अभिलेख जलकर नष्ट हो गए थे, जिसके कारण किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। सरदामई गांव के अभिलेख 35 वर्ष पहले अग्निकांड में जल गए थे। अभिलेखों के अभाव में किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था। गांव में चकबंदी की प्रक्रिया 1980 में शुरू हुई थी और 1987 में कब्जा परिवर्तन भी किया गया था। हालांकि, 1990 के अग्निकांड ने सभी मूल राजस्व अभिलेखों को नष्ट कर दिया, जिससे चकबंदी प्रक्रिया बाधित हो गई। वर्ष 2009 में सरदामई की चकबंदी प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद, 23 सितंबर 2016 को यह प्रक्रिया दोबारा शुरू की गई। यह नौ साल से चल रही थी। जिलाधिकारी आशुतोष मोहन अग्निहोत्री के प्रयासों से 26 सितंबर 2023 की कार्यवाही को निरस्त कर 1980 की मूल धारा को बहाल किया गया। इसके बाद, भू-अभिलेख तैयार करवाए गए और डिप्टी कलेक्टर अविनाश गौतम ने सरदामई के 200 किसानों को वितरित किए। भू-अभिलेख मिलने से किसानों ने खुशी जाहिर की। 35 साल के लंबे इंतजार के बाद अब वे शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
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