कन्नौज शहर में बंदरों की बढ़ती संख्या एक गंभीर समस्या बन गई है। सड़कों से लेकर सार्वजनिक पार्कों तक, हर जगह बंदरों का कब्जा है। इससे छात्रों को स्कूल आने-जाने में परेशानी हो रही है, वहीं पार्क भी खाली पड़े रहते हैं। यह स्थिति तब है जब नगर पालिका बंदरों को पकड़ने का दावा कर रही है। विकास भवन, पुलिस कार्यालय और कलेक्ट्रेट जैसे महत्वपूर्ण सरकारी परिसरों में भी बंदरों का लगातार उत्पात देखा जा सकता है। उनकी धमाचौकड़ी से कर्मचारी और आगंतुक दोनों परेशान रहते हैं। दैनिक भास्कर में खबरें प्रकाशित होने के बाद कन्नौज नगर पालिका ने मथुरा की एक टीम को बंदर पकड़ने का ठेका दिया था। टीम द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन बंदरों को पकड़ने की गति धीमी है। यही कारण है कि शहर में बंदरों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। मनरेगा पार्क के बाहर खेल रहे कुछ बच्चों ने बताया कि वे कलेक्ट्रेट के रास्ते शिवाजी नगर मोहल्ले के स्कूल जाते हैं। रास्ते में अक्सर बंदरों के झुंड मिल जाते हैं और कई बार वे हमला भी कर देते हैं, जिससे बच पाना मुश्किल होता है। छात्रों ने यह भी बताया कि बंदरों के डर से वे पार्क में खेल नहीं पाते। बंदरों के उत्पात का यह हाल केवल कलेक्ट्रेट परिसर तक सीमित नहीं है। शहर के अधिकांश मोहल्लों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (विनोद दीक्षित अस्पताल), फूलमती मंदिर और गौरीशंकर मंदिर सहित भीड़भाड़ वाले कई अन्य स्थानों पर भी बंदरों के झुंड देखे जा सकते हैं। नगर पालिका अभी तक इस समस्या से लोगों को निजात दिलाने में सफल नहीं हो पाई है।
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