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कथावाचक पुंडरीक गोस्‍वामी को सलामी, सांसद चंद्रशेखर भड़के:कहा- भारत कोई मठ नहीं, राज्य किसी धर्म-विशेष की जागीर नहीं

बिजनौर की नगीना सीट से सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने मशहूर कथावाचक पुंडरीक गोस्‍वामी को गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने पर सवाल उठाए हैं। इसे संविधान पर हमला बताया है। उन्‍होंने यूपी सरकार पर आरोप लगाया आस्‍था संविधान से ऊपर हो गई है। मामले को लेकर नगीना सांसद ने गुरुवार को एक्‍स पर वीडियो शेयर करते हुए पोस्ट किया। लिखा– भारत कोई मठ नहीं, बल्कि एक संवैधानिक गणराज्य है। और राज्य किसी धर्म-विशेष की जागीर नहीं। इस स्पष्ट उल्लेख के बावजूद एक कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा परेड और सलामी दी जाती है। यह सिर्फ एक प्रशासनिक गलती नहीं, बल्कि संविधान पर खुला हमला है। सलामी और परेड राज्य की संप्रभु शक्ति का प्रतीक होती है। यह सम्मान संविधान, राष्ट्र और शहीदों के नाम पर दिया जाता है। किसी कथावाचक, बाबा या धर्मगुरु का रुतबा बढ़ाने के लिए नहीं। कथावाचकों को संवैधानिक पदों से ऊपर बैठाया जा रहा चंद्रशेखर ने कहा- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तथाकथित रामराज्य में अब हालात ये हैं कि- आस्था को संविधान से ऊपर,धर्म को कानून से ऊपर और कथावाचकों को संवैधानिक पदों से ऊपर बैठाया जा रहा है। यह घटना बताती है कि उत्तर प्रदेश का प्रशासन अब संविधान के प्रति जवाबदेह नहीं, बल्कि धार्मिक सत्ता के आगे नतमस्तक है। राज्य धीरे-धीरे अपने संवैधानिक चरित्र को त्याग रहा यह एक ख़तरनाक परंपरा की ओर इशारा करता है, जहां राज्य धीरे-धीरे अपने संवैधानिक चरित्र को त्याग रहा है। सवाल उठते हैं- पुंडरीक गोस्वामी हैं कौन?, वे कौन-सा संवैधानिक पद धारण करते हैं?, किस कानून या प्रोटोकॉल के तहत उन्हें Guard of Honour दिया गया?, क्या अब उत्तर प्रदेश में धार्मिक पहचान ही नया सरकारी प्रोटोकॉल है? मुख्यमंत्री को याद दिलाना जरूरी है… अंत में उन्‍होंने कहा- इसका साफ मतलब है। संविधान सर्वोच्च है- कोई धर्म नहीं। राज्य का कोई धर्म नहीं होता। जय भीम, जय भारत, जय संविधान,जय विज्ञान। वहीं जिस वीडियो को चंद्रशेखर ने शेयर किया है, वह एक महीने पुराना और बहराइच पुलिस लाइन का बताया जा रहा है। ————————————- ये खबर भी पढ़ेःं- टीवी डिबेट देख कॉर्पोरेट जॉब छोड़ी, घरवाले बोले-पागल हो गया, IIIT वाले ने गोबर-गोमूत्र से बना डाली 10 करोड़ की कंपनी आज पीछे मुड़कर देखता हूं तो लगता है कि जिंदगी कब और कैसे करवट बदलती है, पता ही नहीं चलता। यूरोप, अमेरिका, साउथ-ईस्ट एशिया के बड़े-बड़े कॉर्पोरेट ऑफिसेज में काम करने वाला एक लड़का गाय चरा रहा है। नमस्कार, मैं असीम रावत, पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। अब मैं गाजियाबाद के सिकंदपुर में रहता हूं। पढ़ें पूरी खबर…


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