प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश महाराज का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस बयान में उन्होंने यादव समाज को भगवान श्री कृष्ण का वंशज न मानने संबंधी बात कही है। इंद्रेश महाराज का यह बयान वायरल होने के बाद सोमवार को यादव समाज ने अपने आक्रोश का इजहार करते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में यादव समाज के लोगों ने बयान के विरोध में इंद्रेश महाराज को शास्त्रार्थ करने की खुली चुनौती दे डाली। कथावाचक इंद्रेश महाराज द्वारा सार्वजनिक मंच से यादव समाज को भगवान श्रीकृष्ण का वंशज न मानने संबंधी दिए गए कथित बयान से यादव समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है। इसी के विरोध में यादव समाज के विभिन्न संगठनों एवं प्रबुद्धजनों द्वारा एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। शास्त्रों में भगवान श्री कृष्ण के यदुवंश में अवतरित होने का प्रमाण पत्रकार वार्ता में वक्ताओं ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं यदुवंश में अवतरित हुए, यह तथ्य न केवल पुराणों, महाभारत, भागवत एवं अन्य शास्त्रों में स्पष्ट रूप से वर्णित है, बल्कि भारतीय संस्कृति और जनमानस में भी सर्वविदित है। ऐसे में किसी भी कथावाचक द्वारा यादव समाज की ऐतिहासिक एवं धार्मिक पहचान पर प्रश्नचिह्न लगाना अत्यंत निंदनीय और समाज को विभाजित करने वाला कृत्य है। भावनाओं को आहत करने वाला बयान यादव समाज के प्रतिनिधियों ने कथावाचक इंद्रेश महाराज को शास्त्रों के आधार पर खुली शास्त्रार्थ की चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनके दावे में सत्यता है तो वे सार्वजनिक रूप से शास्त्रीय प्रमाण प्रस्तुत करें। समाज ने स्पष्ट किया कि बिना प्रमाण ऐसे बयान देना धार्मिक भावनाओं को आहत करता है और इसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा। माफी मांगें नहीं तो होगा आंदोलन यादव समाज के जिलाध्यक्ष संजय यादव ने कहा कि कथावाचक इंद्रेश अपने बयान पर सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करें, अन्यथा यादव समाज लोकतांत्रिक एवं कानूनी तरीके से आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। यादव समाज ने सभी धर्माचार्यों, कथावाचकों एवं सामाजिक व्यक्तियों से अपील की कि वह मंचों से बोलते समय शास्त्र, इतिहास और सामाजिक समरसता का ध्यान रखें, ताकि समाज में आपसी सौहार्द बना रहे।
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