कड़ाके की ठंड के मद्देनजर जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने देर शाम नगर क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने रैन बसेरों और अलाव की व्यवस्था का निरीक्षण किया। इस दौरान बस स्टैंड, जिला चिकित्सालय, प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर गरीब, निराश्रित और जरूरतमंद लोगों के लिए की गई व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत परखी गई। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, जिला चिकित्सालय और मुख्य चौराहों सहित सभी प्रमुख स्थानों पर प्रतिदिन अलाव जलाए जाएं। डीएम ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि अलाव वाले सभी स्थलों पर शाम छह बजे तक लकड़ी पहुंच जाए। विशेष रूप से बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर अतिरिक्त लकड़ी की व्यवस्था की जाए, ताकि रात में यात्रियों को ठंड से परेशानी न हो। रैन बसेरों के निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने केयर टेकरों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रात्रि विश्राम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का पूरा विवरण पंजिका में दर्ज किया जाए। उन्होंने रैन बसेरों में पर्याप्त संख्या में रजाई, गद्दे और कंबल की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। जिला चिकित्सालय परिसर स्थित रैन बसेरे में चारपाइयों, रजाई-गद्दों और रुकने वाले लोगों के रिकॉर्ड की भी समीक्षा की गई। बस स्टैंड पर बने अस्थायी रैन बसेरे के निरीक्षण के दौरान, अलाव जलता न मिलने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अधिशासी अधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा कि लकड़ी की आपूर्ति में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर न हो। इसके लिए जनपद में स्थायी और अस्थायी रैन बसेरे संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां आवश्यकता हो, वहां तुरंत अस्थायी रैन बसेरे बनाए जाएं। साथ ही, ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी संवेदनशीलता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें।
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