छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) में आईसीपीसी एशिया रीजनल कानपुर साइट 2025 का लगातार आठवीं बार भव्य शुभारंभ लेक्चर हाल-1 में हुआ। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का ओलंपियाड कहे जाने वाले इंटरनेशनल कॉलेजिएट प्रोग्रामिंग कॉन्टेस्ट (ICPC) में युवा मस्तिष्क उच्च स्तरीय एल्गोरिदमिक समस्या समाधान में प्रतिस्पर्धा करते हैं। इसमें देशभर की 106 टीमों के 350 से अधिक प्रतिभागी अपनी दक्षता को दिखा रहे हैं। इन प्रतिभागियों में IIT, NIT और IIIT जैसे देश के प्रमुख संस्थानों के छात्र- छात्राएं शामिल हुये हैं। मंगलवार देर शाम विजेता के नाम की घोषणा होगी। वैश्विक चुनौतियों के लिए छात्र खुद को तैयार करते
वीसी प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि आईसीपीसी केवल एक प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि एक ऐसा मंच है जहां युवा तकनीकीविद अपनी क्षमताओं को पहचानते हैं। अपनी बौद्धिक शक्ति को निखारते हैं और वैश्विक चुनौतियों के लिए स्वयं को तैयार करते हैं। आईसीपीसी न केवल प्रोग्रामिंग कौशल विकसित करता है, बल्कि टीमवर्क, धैर्य और दबाव में समस्या समाधान जैसी क्षमताएं भी विकसित करता है, जो भविष्य के नवप्रवर्तकों के लिए अनिवार्य हैं। देशभर से आईं टीमें
इस वर्ष प्रतियोगिता में देशभर से टीमें भाग ले रही हैं, जिनमें 25 आईआईटी (आईआईटी कानपुर, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी रुड़की, आईआईटी गुवाहाटी और आईआईटी पटना), 20 एनआईटी (एनआईटी त्रिची, एनआईटी जमशेदपुर और एनआईटी कुरुक्षेत्र ), 15 आईआईआईटी विशेष रूप से (आईआईआईटी हैदराबाद, आईआईआईटी बैंगलोर और आईआईआईटी इलाहाबाद) की टीमें भाग ले रहे हैं। प्रत्येक टीम में तीन छात्र एक कोच
प्रत्येक टीम में तीन छात्र और एक कोच शामिल हैं। वे पांच घंटे की गहन कोडिंग प्रतियोगिता में 8 से 10 जटिल एल्गोरिदमिक समस्याओं को हल करेंगे। इस मौके पर प्रोवीसी प्रोसेसर सुधीर कुमार अवस्थी, डॉ. संदेश गुप्ता, डीन एकेडमिक प्रो.बृष्टि मित्र, प्रो. सुधांशु पांडिया, प्रो. संदीप सिंह आदि रहे।
https://ift.tt/pag9FVM
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply