औरैया में गुरुवार तड़के NIA की टीम पहुंची। पेट्रोल पंप संचालक और नैना इलेक्ट्रॉनिक्स के मालिक कमल वर्मा के घर, पंप और सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर एक साथ छापेमारी की। करीब 15 से अधिक टीमें रात दो बजे से अलग–अलग स्थानों पर घेराबंदी कर दस्तावेजों, डिजिटल रिकॉर्ड्स और पैसों के लेन–देन से जुड़े कागजात खंगाल रही है। कार्रवाई में NIA के साथ बम स्क्वायड और औरैया पुलिस भी मौके पर मौजूद रही। सभी स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी संवेदनशील इनपुट पर आधारित है, जिसे दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच से जुड़ा माना जा रहा है। हालांकि आधिकारिक तौर पर किसी भी केस का खुलासा नहीं किया गया है। कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी NIA की टीम लगभग 20 गाडियों के साथ पहुंची। आठ से अधिक कारों से निझाई मुहल्ला, जिला अस्पताल रोड किनारे नायारा पेट्रोल पंप, चार घरों, सर्राफा बाजार में गन हाउस व दुकानों पर रेड डाली। सभी जगहों पर कर्मचारियों और संबंधित लोगों से कड़ाई से पूछताछ भी की गई। कमल वर्मा के एक कर्मचारी को बीते दिन हजारों अवैध कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया था। इस गिरफ्तारी के बाद ही वर्मा परिवार के ठिकानों पर NIA की कार्रवाई और तेज हुई। पहले भी अवैध असलहा रखने के आरोप यह भी सामने आ रहा है कि वर्मा परिवार का नाम पहले भी अवैध असलहा रखने के मामलों में चर्चाओं में रह चुका है। सुबह 7 बजे जैसे ही बड़ी कार्रवाई की खबर फैली, पूरे शहर में अफवाहों और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। फिलहाल NIA टीमें सभी स्थानों पर जांच जारी रखे हुए हैं और किसी अधिकारी ने कार्रवाई से जुड़े सवालों पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है। पुरुलिया और छत्तीसगढ़ केस का असर करीब छह महीने पहले छत्तीसगढ़ से तीन हजार से अधिक कारतूस बरामद हुए थे, जिसे लेकर जांचकर्ताओं का दावा है कि यह पुराना पुरुलिया आर्म्स ड्राप केस फिर से सामने आया है। 17 दिसंबर 1995 को बंगाल के पुरुलिया जिले में सैकड़ों एके-47 राइफलें और हजारों गोला-बारूद प्लेन से गिराए गए थे। सुरक्षा एजेंसियों का मानना था कि यह हथियार आनंद मार्ग पंथ को कम्युनिस्ट विरोधी विद्रोह शुरू करने में मदद करने के लिए भेजे गए थे। जिसमें कमल वर्मा के पिता महेश वर्मा भी संदेह के घेरे में थे। तत्कालीन एसपी संजय सिंघल के सामने पूछताछ के दौरान महेश वर्मा ने सायनाइड खाकर खुदकुशी कर ली थी। कारोबार और परिवार की जानकारी कमल वर्मा तीन भाई हैं- कमल, रविकांत (व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष) और अजयकांत शशि वर्मा। इनके पिता महेश वर्मा ने सर्राफा बाजार से छोटी ज्वैलर्स की दुकान और गन हाउस से कारोबार की शुरुआत की थी। पेट्रोल बसों का संचालन भी औरैया, कन्नौज और इटावा रूट पर करते थे। कारोबार बढ़ने के साथ ही वर्मा परिवार ने जिले और दूसरे प्रदेशों में अपने कारोबार बढ़ाया। कमल वर्मा के व्यवसाय और प्रतिष्ठान जांच के दौरान कारोबारी भी घर पर नहीं मिले एसपी अभिषेक भारती ने बताया कि एनआईए की टीम छापेमारी कर रही है। लोकल फोर्स की डिमांड की गई थी जिसे मुहैया कराया गया है। अभी सर्च अभियान जारी है। सर्च अभियान के बाद ही जानकारी मिल सकेगी क्या बरामद हुआ। उसी के बाद अधिकृत बताया जा सकेगा। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल कोई बड़ा माल हाथ नहीं लगा है और कारोबारी भी घर पर नहीं मिले। जांच के चलते पुरुलिया और छत्तीसगढ़ के पुराने मामलों से जुड़े सुराग जुटाए जा रहे हैं। ——————————————————— ये खबर भी पढ़ेंः- अमरोहा में 4 MBBS डॉक्टरों की मौत:हाईवे पर खड़े ट्रक में घुसी कार, ट्रैक्टर से खींचकर बाहर की; गाड़ी काटकर शव निकाले यूपी के अमरोहा में तेज रफ्तार कार डीसीएम (ट्रक) में घुस गई। हादसे में 4 MBBS डॉक्टरों की मौत हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार का अगला हिस्सा डीसीएम में घुस गया। बमुश्किल ट्रैक्टर से खींचकर कार को अलग किया। फिर गाड़ी काटकर शवों को निकाला गया। चारों डॉक्टर पार्टी करके स्विफ्ट डिजायर कार से गजरौला स्थित श्री वेंकटेश्वरा यूनिवर्सिटी लौट रहे थे। यूनिवर्सिटी से महज 7 किमी अतरासी गांव के पास हादसा हो गया। पढ़ें पूरी खबर…
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