औरैया के दिबियापुर स्थित एक निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। घटना बीती रात की है, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक अस्पताल संचालक और अन्य स्टाफ फरार हो चुके थे। पुलिस ने एक अस्पताल कर्मी को हिरासत में लिया है। मृतका की पहचान दिबियापुर के आजाद नगर कलेक्ट्री रोड निवासी 24 वर्षीय प्रीति देवी के रूप में हुई है, जो अनिल बाल्मीकि की पत्नी थीं। अनिल अपनी गर्भवती पत्नी का चेकअप विकास कुंज स्थित इसी अस्पताल में करा रहे थे। शनिवार को प्रसव पीड़ा होने पर अनिल ने प्रीति को अस्पताल में भर्ती कराया था। प्रसव के दौरान एक मृत बच्ची का जन्म हुआ। इसके कुछ देर बाद प्रीति ने भी दम तोड़ दिया। इस घटना से परिजनों में शोक छा गया। परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। पति अनिल बाल्मीकि का आरोप है कि अल्ट्रासाउंड में बच्ची पहले से मृत बताई गई थी, फिर भी अस्पताल स्टाफ ने उनकी पत्नी को भर्ती कर लिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रसव के बाद पत्नी को एक ऐसा इंजेक्शन दिया गया, जिससे वह तड़पती रही और अस्पताल में ऑक्सीजन की सुविधा भी नहीं थी। हंगामे के बाद दिबियापुर और फफूंद थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। थाना प्रभारी रुद्र प्रताप नारायण त्रिपाठी ने बताया कि तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने महिला और बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी दी गई है, जो अस्पताल के पंजीकरण और ऑपरेशन की अनुमति संबंधी जांच कर रहा है।
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