औरैया पुलिस ने रविवार को बीहड़ के गांव अयाना स्थित एक गेस्टहाउस में साइबर अपराधों पर रोकथाम के लिए एक गोष्ठी का आयोजन किया। इस दौरान ग्रामीणों को साइबर क्राइम से बचाव के तरीके बताए गए और जागरूक किया गया। अयाना थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि आधुनिकीकरण के दौर में ग्रामीण क्षेत्र भी स्मार्ट हो रहे हैं। वर्तमान समय में युवा पीढ़ी के साथ बुजुर्ग भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। स्मार्टफोन के उपयोग से सुविधाएं बढ़ी हैं, लेकिन साइबर अपराध का खतरा भी बढ़ गया है। इसलिए स्मार्टफोन चलाने के लिए स्मार्ट ज्ञान होना आवश्यक है, तभी आप जालसाजों के झांसे में आने से बच सकेंगे। थानाध्यक्ष ने ग्रामीणों को आगाह किया कि यदि कोई व्यक्ति खुद को पुलिसकर्मी बताकर आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी देकर पैसों की मांग करता है, तो वह पुलिसकर्मी नहीं है। पुलिस किसी भी आपराधिक मामले में पैसे लेकर काम नहीं करती है। ऐसे झांसे में आकर ऑनलाइन पैसे भेजने पर व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हो सकता है। साइबर थाना के अनुराग मिश्रा ने ग्रामीणों को साइबर ठगी, फेक कॉल, फिशिंग लिंक, ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड, सोशल मीडिया हैकिंग और बैंकिंग धोखाधड़ी के विभिन्न तरीकों और उनसे बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने सलाह दी कि ग्रामीण अपने मोबाइल फोन, बैंक विवरण, ओटीपी और पासवर्ड किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ साझा न करें। पुलिस टीम ने ग्रामीणों से स्वयं जागरूक रहने और अपने परिवारजनों, पड़ोसियों एवं मित्रों को भी साइबर सुरक्षा संबंधी जानकारी देने की अपील की। यह भी बताया गया कि साइबर अपराध से पीड़ित होने की स्थिति में तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं।
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