उत्तर प्रदेश में ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली के मामले में अमेठी एआरटीओ कार्यालय के कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई है। ये कर्मचारी यूपी एसटीएफ और पड़ोसी जिले रायबरेली पुलिस के रडार पर हैं। रायबरेली के डीह थाने में दर्ज एक एफआईआर में अमेठी, प्रतापगढ़ और रायबरेली के सरकारी कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है। डीह थाना पुलिस जल्द ही इस मामले की विवेचना के तहत पूछताछ के लिए अमेठी के कर्मचारियों को बुला सकती है। इस खबर के बाद अमेठी एआरटीओ कार्यालय में हड़कंप मच गया है। रायबरेली पुलिस के साथ-साथ अमेठी पुलिस भी मिली जानकारी के आधार पर ऐसे लोगों की जांच-पड़ताल में जुटी है। रायबरेली जिले के डीह थाने में 18 नामजद और 5 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर में अमेठी निवासी मोटर मालिक शिवम शुक्ला का नाम सामने आया है। इसके अलावा, अमेठी में एक सरकारी कर्मचारी के ‘खास लोकेटर’ भूपेंद्र के नाम की भी चर्चा है। अमेठी पुलिस फिलहाल शिवम और भूपेंद्र के बारे में जानकारी जुटा रही है। रायबरेली पुलिस की जांच में अमेठी एआरटीओ कार्यालय के 3 से 4 कर्मचारियों के नाम भी सामने आने की बात कही जा रही है। इनमें पूर्व में तैनात अधिकारी, बाबू, दीवान और ड्राइवर शामिल हैं। पुलिस इनके कनेक्शन और कॉल डिटेल्स को भी खंगाल रही है। जानकारी के अनुसार, फतेहपुर और बांदा से आने वाले मौरंग के ओवरलोड वाहनों को अमेठी से सुल्तानपुर या प्रतापगढ़ पास कराने के नाम पर प्रति वाहन लगभग 4000 रुपये की वसूली की जा रही थी। पहले एसटीएफ और फिर रायबरेली पुलिस के सक्रिय होने के बाद अवैध वसूली करने वालों में भय का माहौल है। इस पूरे मामले पर अमेठी के एआरटीओ महेंद्र बाबू गुप्ता ने कहा कि वे जिले में ओवरलोड वाहनों पर लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध वसूली करने वालों के बारे में पता चलने पर केस दर्ज कराया जाएगा।
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