एमएलके महाविद्यालय के सभागार में संविधान दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्राचार्य प्रो. जनार्दन प्रसाद पाण्डेय के निर्देशन में हुआ। राष्ट्रीय सेवा योजना की सरोजनी नायडू, कल्पना चावला और डॉ. कलाम इकाइयों के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. रमेश शुक्ल, डॉ. अनामिका सिंह और डॉ. जितेन्द्र भट्ट ने इसका संयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंगलाचरण, सरस्वती वंदना, दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। गौरी मिश्रा, जया और मेनका ने वैदिक मंगलाचरण का वाचन किया। प्राचार्य प्रो. पाण्डेय मुख्य अतिथि और मुख्य नियंता प्रो. वीणा सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। प्राचार्य प्रो. जनार्दन प्रसाद पाण्डेय ने संविधान दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस वर्ष की थीम “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” की व्याख्या करते हुए छात्रों को भारतीय संविधान की विशेषताओं और उसकी ऐतिहासिक यात्रा की जानकारी दी। प्राचार्य ने बताया कि भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसने न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्यों के साथ देश की एकता को मजबूत किया है। उन्होंने छात्रों को सुभाष कश्यप और डी.डी. बसु जैसे विद्वानों की पुस्तकों का अध्ययन करने की सलाह दी और संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन कराया। विशिष्ट अतिथि प्रो. वीणा सिंह ने संविधान सभा के गठन (1946) और उसके प्रथम अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक वही है, जो अपने मौलिक अधिकारों के साथ-साथ अपने मूल कर्तव्यों का पालन भी समझता हो। प्रो. सिंह ने प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से संविधान और आधुनिक भारत के इतिहास के अध्ययन को आवश्यक बताया। डॉ. रमेश शुक्ल ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर के योगदान तथा पूना पैक्ट (1932) की जानकारी दी। डॉ. जितेन्द्र भट्ट ने प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में वाद-विवाद, भाषण और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया। इस अवसर पर डॉ. ओमप्रकाश सिंह, डॉ. बी.एल. गुप्ता, डॉ. अभयनाथ ठाकुर, डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. संदीप कुमार सहित अन्य शिक्षक भी उपस्थित रहे।
https://ift.tt/yKx8J1p
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply