एटा में जिला प्रशासन की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से एक बाल विवाह को समय रहते रोक दिया गया। डीएम प्रेम रंजन सिंह के निर्देश पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत प्रोबेशन कार्यालय और संबंधित विभागों की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की। यह कार्रवाई अलीगंज थाना क्षेत्र के ग्राम कलिंजर में एक सूचना के आधार पर की गई। चाइल्ड हेल्पलाइन से जानकारी मिलने के बाद प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर ज्योति शर्मा, केस वर्कर सूर्यप्रताप, वन स्टॉप सेंटर एटा से सेंटर मैनेजर जागृति चतुर्वेदी और अलीगंज पुलिस प्रशासन से एसआई विपिन कुमार की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। सत्यापन के बाद टीम ने पाया कि विवाह में शामिल एक पक्ष नाबालिग था। इसके बाद कानून के प्रावधानों के तहत विवाह को तत्काल स्थगित करा दिया गया। जिला प्रोबेशन अधिकारी अजयपाल सिंह ने बताया कि बाल विवाह कानूनन अपराध होने के साथ-साथ बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास के लिए भी हानिकारक है। उन्होंने समाज से इस कुप्रथा को समाप्त करने में प्रशासन का सहयोग करने की अपील की। अजयपाल सिंह ने बताया कि कार्रवाई के दौरान दोनों पक्षों के परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के प्रावधानों से अवगत कराया गया। उन्हें भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने की सख्त हिदायत दी गई। आवश्यकतानुसार काउंसलिंग भी कराई गई और बालक-बालिका के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। जिला प्रोबेशन कार्यालय ने यह भी स्पष्ट किया कि बाल विवाह की सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। नागरिक बाल विवाह से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, महिला हेल्पलाइन 181 या नजदीकी पुलिस थाने से संपर्क कर सकते हैं। जिला प्रशासन और प्रोबेशन कार्यालय बाल अधिकारों की रक्षा तथा बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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