एटा में एक पीड़ित परिवार ने एसएसपी श्याम नारायण सिंह से मुलाकात कर झूठे मुकदमों में फंसाए जाने की शिकायत की है। एसएसपी ने परिवार को न्याय का आश्वासन दिया है। बागवाला थाना क्षेत्र निवासी प्रमोद कुमार पुत्र उमेश चंद्र ने अपनी शिकायत में बताया कि गांव के मोहित, धर्मेंद्र, पूजा और अजय ने पूर्व में उनके और उनके परिवार (मां पुष्पा, चाचा दिनेश) के साथ मारपीट की थी। इस संबंध में एक मुकदमा दर्ज किया गया था, जो वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है। प्रमोद के अनुसार, इस मामले में समझौते का दबाव बनाने के लिए आरोपी पक्ष की महिलाओं ने न्यायालय में बलात्कार और छेड़छाड़ का झूठा प्रार्थना पत्र दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस दबाव के चलते उनसे पचास हजार रुपए ऐंठे गए, जिसके बाद प्रार्थना पत्र वापस ले लिया गया था। जुलाई 2025 में, आरोपी पक्ष की महिलाओं और लड़कियों ने फिर से बलात्कार और छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए बागवाला थाना पुलिस में लिखित शिकायत की। पुलिस जांच में यह मामला झूठा पाया गया था, हालांकि शांति भंग के आरोप में कार्रवाई की गई थी। इन झूठे आरोपों से परेशान होकर पीड़ित पक्ष ने न्यायालय का रुख किया और आरोपियों के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के संबंध में एक परिवाद दायर किया, जो अभी न्यायालय में विचाराधीन है। पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया है कि आरोपी पक्ष ने एक बार फिर बागवाला थाने में छेड़खानी का आरोप लगाते हुए प्रार्थना पत्र दिया है, जिससे वे अत्यधिक परेशान हैं। पीड़ित प्रमोद ने बताया कि उनके गांव की एक लड़की अपने परिवार के कहने पर बार-बार उनके और उनके परिवार के खिलाफ छेड़खानी और बलात्कार की शिकायतें करती है। उन्होंने कहा, “मैं इससे तंग आ चुका हूं। आज मैंने कप्तान साहब से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई है। उन्होंने न्याय का भरोसा दिलाया है।” इस मामले पर थाना प्रभारी ओमप्रकाश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्त प्रकरण के संबंध में थाना स्तर पर कोई शिकायत नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि यदि मामला थाना स्तर पर आता है, तो निष्पक्ष रूप से कार्यवाही की जाएगी।
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