एटा जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां परिषदीय विद्यालयों में छात्रों को अर्धवार्षिक परीक्षा के प्रश्न पत्र उपलब्ध नहीं कराए गए। इसके बजाय, परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्रों की पीडीएफ कॉपी भेजी जा रही है, जिसके सहारे ब्लैकबोर्ड पर सवाल उतारकर परीक्षाएं संपन्न कराई जा रही हैं। जिले के सभी परिषदीय विद्यालयों में यही स्थिति है। शिक्षकों को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रत्येक विषय के प्रश्न पत्र की केवल एक-एक पीडीएफ कॉपी भेजी गई है। इसी एक कॉपी के आधार पर ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखे जा रहे हैं, और छात्र उन्हें देखकर अपनी उत्तर पुस्तिकाएं भर रहे हैं। ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों और परीक्षकों ने बताया कि वे केवल उच्चाधिकारियों के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। यह मामला उत्तर प्रदेश सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के गृह जिले एटा का है, जहां वे प्रभारी मंत्री भी हैं। प्रथम पाली में कक्षा 2 और 3 का गणित, कक्षा 4, 5 और 6 का हिंदी, तथा कक्षा 7 और 8 का विज्ञान विषय का पेपर इसी तरीके से संपन्न हुआ। द्वितीय पाली में संस्कृत विषय की अर्धवार्षिक परीक्षा भी इसी प्रक्रिया से करवाई जा रही है। इस मामले की पड़ताल कई विद्यालयों में की गई, जिसमें पुष्टि हुई कि स्कूलों को प्रश्न पत्र की हार्ड कॉपी मिली ही नहीं है। पटियाली गेट स्थित उर्दू माध्यम विद्यालय के शिक्षक कमलेश कुमार ने बताया कि उन्हें प्रत्येक विषय की केवल एक-एक पीडीएफ कॉपी कार्यालय से मिली है। उन्होंने कहा कि वे ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न उतारकर बच्चों से पेपर हल करवा रहे हैं और आगे की परीक्षाओं के लिए भी इसी तरह व्यवस्था करेंगे। एटा जिले के अलीगंज, जैथरा और एटा ब्लॉक में की गई पड़ताल में भी यही स्थिति सामने आई। विद्यालयों को प्रश्न पत्र की एक-एक पीडीएफ कॉपी व्हाट्सएप के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई है। अलीगंज कस्बा स्थित प्राथमिक विद्यालय की एक छात्रा ने बताया कि उसका पेपर अच्छा हुआ है। उसने कहा कि मैडम ने ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न उतारे थे, और उसने उन्हीं से देखकर पेपर हल किया।
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