एटा के जीआईसी ग्राउंड में आयोजित 10वें पुस्तक मेले का भव्य शुभारंभ गुरुवार को हुआ। चार दिवसीय इस पुस्तक मेले का उद्घाटन जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह ने किया। यह मेला प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी एआरएम संजीव कुमार एवं उनकी टीम के सहयोग से आयोजित किया गया है। इस बार पुस्तक मेला स्वर्गीय ब्रजलाल यादव की स्मृति को समर्पित किया गया है। पुस्तक मेले का मुख्य उद्देश्य पुस्तकों के माध्यम से शिक्षा का प्रसार करना और एटा जनपद की सामाजिक व शैक्षणिक छवि को और अधिक सशक्त बनाना है। मेले में देश के कई प्रतिष्ठित प्रकाशकों ने अपने-अपने स्टॉल लगाए हैं। जिनमें गीता प्रेस, राजकमल प्रकाशन, चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट इंडिया, वाणी प्रकाशन, नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया और डायमंड प्रकाशन जैसे नाम शामिल हैं। यहां साहित्य, शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं, बच्चों की किताबों और आध्यात्मिक विषयों से जुड़ी पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। गौरतलब है कि एटा जनपद को कभी अवैध तमंचा कारोबार और तथाकथित “गन कल्चर” के लिए जाना जाता था। इसी छवि को बदलने के उद्देश्य से जीआईसी स्कूल के पूर्व छात्रों ने एक समिति का गठन किया। इस समिति ने पुस्तक मेले के आयोजन के माध्यम से एटा में ‘गन कल्चर’ को ‘बुक कल्चर’ में बदलने की अनूठी पहल की, जो अब लगातार दस वर्षों से सफलतापूर्वक जारी है। उद्घाटन समारोह में पूर्व शिक्षा निदेशक कंचन वर्मा के पिता कुंवर पाल वर्मा, पूर्व डीजी पुलिस एवं संयुक्त राष्ट्र संघ में सेवाएं दे चुके सेवानिवृत्त आईपीएस उपेंद्र बघेल, तथा खुसरो फाउंडेशन की अध्यक्ष किरण यादव (एडीजी भोपाल अंशुमान यादव की पत्नी) सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। सभी वक्ताओं ने पुस्तक मेले के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस पहल की सराहना की। जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के आयोजन युवाओं को शिक्षा और ज्ञान की ओर प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा, “किताबें विद्यार्थियों को दिशा देती हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव रखती हैं।” जिलाधिकारी ने इस सार्थक पहल के लिए आयोजकों का आभार व्यक्त किया।
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